लाइफस्टाइल: पालक पोषक तत्वों से भरपूर पत्तेदार हरी सब्जी है जो अपनी पौष्टिकता के लिए जानी जाती है. आवश्यक विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर पालक स्वास्थ्य को कई फायदे देता है, लेकिन क्या पालक किडनी की पथरी का कारण बनता है? जूस और स्मूदी के रूप में पालक के सेवन और किडनी की पथरी के बीच लिंक की चिंताएं जताई जाती हैं. आइए जानें पालक के साइड इफेक्ट्स और कैसे यह किडनी में पथरी का कारण बन सकता है.
क्या पालक का जूस पथरी का कारण बनता है?
पालक आयरन का एक पावरहाउस है, लेकिन इसमें ऑक्सालेट नामक एक यौगिक भी होता है, जिसे शरीर के लिए अवशोषित करना बहुत मुश्किल होता है. इसलिए ये आजकल किडनी की पथरी और यहां तक कि पित्ताशय की थैली में पथरी बनने का एक प्रमुख कारण बन सकता है. ऑक्सालेट नामक यौगिक आपके शरीर में मौजूद कैल्शियम से जुड़ जाता है, जिससे किडनी और पित्ताशय में कैल्सीफाइड पथरी बन सकती है.
ज्यादा पालक खाने के नुकसान
1. गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं: पालक में फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है, जो पाचन के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन कई लोगों में बहुत ज्यादा फाइबर का सेवन अपच, सूजन, गैस, पेट फूलना, कब्ज, दस्त का कारण बन सकता है.
2. मिनरल एब्जॉर्प्शन प्रभावित होना: पालक में फाइटेट्स जैसे यौगिक होते हैं जो आयरन, कैल्शियम और जिंक जैसे जरूरी खनिजों के अवशोषण में बाधा डाल सकते हैं. ये उन लोगों के लिए चिंता का विषय है जिन्हें मिनरल की कमी का खतरा है.
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3. थायराइड फंक्शन प्रभावित होना: पालक में गोइट्रोजेन होते हैं, जो प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले कॉम्पोनेंट हैं और थायरॉयड ग्रंथि के सामान्य कामकाज को बिगाड़ सकते हैं. बड़ी मात्रा में गोइट्रोजन आयोडीन एब्जॉर्प्शन में बाधा डाल सकते हैं.
4. एलर्जी: कुछ व्यक्तियों को पालक से एलर्जी हो सकती है, उन्हें खुजली, पित्ती या सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण अनुभव हो सकते हैं.