आपके इम्यूनिटी को कर सकता है नुकसान, जानें ज्यादा काढ़े का सेवन करने से क्या होगा

रोना काल में लोगों के बीच काढ़े का प्रयोग काफी बढ़ा है.

Update: 2020-12-25 10:37 GMT

जनता से रिश्ता बेवङेस्क| कोरोना काल में लोगों के बीच काढ़े का प्रयोग काफी बढ़ा है. इम्युन सिस्टम को मजबूत करने के लिए कुछ लोग तो थोड़ी थोड़ी देर में काढ़ा पीते रहते हैं. लेकिन याद रखिए कि अति हर चीज की खराब ही होती है. किसी विशेषज्ञ की सलाह के बगैर लिया गया काढ़ा भी आपके लिए स्वास्थ्य संबन्धी समस्याएं पैदा कर सकता है.

कफ-वात-पित्त की स्थितियों के हिसाब से दिया जाता है काढ़ा

आयुर्वेद में सभी बीमारियों का इलाज कफ, वात और पित्त की स्थितियों के हिसाब से किया जाता है. विशेषज्ञों का मानना है कि काढ़़ा कफ प्रकृति वालों के लिए काफी फायदेमंद होता है. लेकिन पित्त और वात दोष वालों को बगैर किसी विशेषज्ञ की सलाह के काढ़ा नहीं पीना चाहिए. पित्त दोष वालों को विशेषज्ञ काली मिर्च, दालचीनी और सोंठ का बहुत कम इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं, जबकि वात वालों को इससे एसिडिटी होने की आशंका रहती है.

शरीर के बदलावों को न करें इग्नोर

विशेषज्ञों की राय है कि जब भी आप काढ़ा पिएं तो तो शरीर में होने वाले बदलावों पर जरूर ध्यान दें. अगर खट्टी डकार, एसिडिटी या यूरिन संबन्धी कोई समस्या का अहसास हो तो सामग्री की मात्रा को कम कर दें.

ये समस्याएं कर सकती हैं परेशान

1- बीपी के मरीज हैं तो आपको बगैर सलाह के कभी भी काढ़ा नहीं पीना चाहिए. इससे नाक से खून आ सकता है और आप बड़ी परेशानी में पड़ सकते हैं.

2- काढ़ा गर्म तासीर का होता है. इसका अधिक सेवन मुंह में छाले की वजह बन सकता है. साथ ही एसिडिटी, खट्टी डकारें और पेट में भारीपन जैसी परेशानियां हो सकती हैं.

3- यूरिन करते समय जलन का अहसास हो सकता है. ऐसा कुछ हो तो तुरंत सावधान हो जाएं.

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