बार बार मन में आ रहे हैं सुसाइड के ख्याल? इन टिप्स से करें हैंडल
इन टिप्स से करें हैंडल
कहते हैं कि जिंदगी बहुत खूबसूरत है और इसे जी भर कर जीना चाहिए। लेकिन फिर भी कई ऐसे कारण हैं, जिनके चलते कई बार कम उम्र में ही कुछ लोगों का जिंदगी से मन भर जाता है और वे जिंदगी को खत्म करने के बारे में सोचने लगते हैं। सुसाइड किसी परेशानी का हल नहीं है, अपनी जिंदगी को खत्म करना बिल्कुल सही नहीं है, इस तरह की बातें हम सब जानते हैं। लेकिन फिर भी कई बार हालातों से हारकर, फेलियर के डर से या फिर डिप्रेशन जैसी कई वजहों से लोगों के मन में सुसाइड के ख्याल आने लगते हैं। इनसे बचने के लिए पहले इसके कारणों को समझें और फिर एक्सपर्ट के बताए टिप्स की मदद लें। इस बारे में राज कुमार त्यागी जानकारी दे रहे हैं। वह मेंटल हेल्थ कोच हैं।
मन में क्यों आते हैं सुसाइड के विचार
मन में सुसाइड के विचार आने के पीछे सबसे बड़ी वजह मेंटल हेल्थ का सही न होना हो सकती है। डिप्रेशन की वजह से अक्सर लोगों के मन में अपनी जिंदगी को खत्म करने जैसी बातें सोचते हैं।
इसकी वजह उम्र के अलग-अलग पड़ाव पर अलग-अलग हो सकती हैं। मसलन कई स्टुडेंट्स फेल होने के डर से सुसाइड कर लेते हैं। किसी प्रतियोगी परीक्षा या फिर अन्य किसी एग्जाम में फेल होने का डर इतना अधिक बढ़ जाता है कि मन में इस तरह के विचार आने लगते हैं।
वहीं, कई बार नौकरी, बिजनेस में फेल हो जाने पर या फेल हो जाने के डर से ही लोगों के मन में सुसाइड के ख्याल आने लगते हैं।
सुसाइड करने के कारणों में एक अहम कारण गिल्ट है। 'मैंने बहुत बड़ी गलती कर दी है और अब यह ठीक नहीं हो सकती है'...इस तरह के विचार भी सुसाइड की वजह बनते हैं।
इसके अलावा आजकल के समय में टूटते हुए रिश्ते या रिश्ते में किसी को खो देने का डर भी आत्महत्या का कारण बन सकता है।
सुसाइड के कारणों में मेंटल हेल्थ को भी नकारा नहीं जा सकता है, बल्कि यह सबसे अहम कारण है। एंग्याजटी, डिप्रेशन, क्रोनिक ड्रिप्रेशन जैसे कई कारण हैं, जो सुसाइड की वजह बन सकते हैं।
सुसाइड के ख्यालों से बचने के टिप्स
सुसाइड के ख्यालों से बचने के लिए सबसे पहले आपको किसी की मदद लेनी चाहिए। अगर आप स्टुडेंट हैं, आपको फेल होने का, हारने का डर सता रहा है, तो अपनी फैमिली से, दोस्तों से बात करें।
करियर, रिलेशनशिप या किसी भी तरह के कारण के चलते अदगर आपके मन में बार-बार सुसाइड के विचार आ रहे हैं, तो इसे अपने दिल में न रखें। अपने अपनों से इस बारे में जरूर बात करें।
इससे बचने के लिए पॉजिटिव रहने की कोशिश करें। जब लगातार हम मन में नेगेटिव विचार रखते हैं, किसी भी चीज को बार-बार सोचते हैं, मन में ऐसा मान लेते हैं कि सब गलत ही होगा, तो हम अपने आस-पास एक नेगेटिविटी का माहौल बना लेते हैं। इसे दूर करने के लिए अच्छा सोचें और पॉजिटिव रहें।
जिन लोगों के साथ आपको अच्छा महसूस होता है, जिन चीजों को करने में आपका दिल लगता है, ऐसे काम करें।
अगर आप मेंटल हेल्थ से जुड़ी किसी समस्या से जूझ रहे हैं, तो किसी मेंटल हेल्थ काउंसलर की मदद लें।
जो बातें आपको परेशान कर रही हैं, उनसे कुछ वक्त के लिए ध्यान हटाने की कोशिश करें।
अकेले कम से कम रहें और उम्मीद बिल्कुल न छोड़ें।
क्रिएटिविटी से जुड़े काम करें और खुद को बिजी रखने की कोशिश करें।
यह है एक्सपर्ट की राय
अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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