क्या इन वजहों से कोरोना के लक्षण दिखने पर भी लोग नहीं करा रहे है कोविड टेस्ट? हो सकता है ये खतरा
कोरोना जांच के लिए घर-घर जाकर अभियान चलाया जा रहा है जिससे संक्रमण का पता चल सके और संक्रमित लोग किसी दूसरे को संक्रमित न कर सकें.
रिश्ता से रिश्ता वेबडेस्क। Coronavirus case in World: कोरोना की तीसरी लहर ने कई देशों में लाखों लोगों कोे अपनी चपेट में ले लिया है, जिसके वजह से बड़ी संख्या में सरकार द्वारा वैक्सीनेशन अभियान चलाया जा रहा है और लोगों की कोरोना जांच की जा रही है. कोरोना जांच के लिए घर-घर जाकर अभियान चलाया जा रहा है जिससे संक्रमण का पता चल सके और संक्रमित लोग किसी दूसरे को संक्रमित न कर सकें.
हालांकि देखा जा रहा है कि लोग अभी भी कोरोना की जांच करवाने से बच रहे हैं. लंदन में किए गए एक सर्वे के अनुसार लोग बीमारी के लक्षणों वाले लोगों का कितना अनुपात परीक्षण कराता है इसकी जानकारी सामने आई है. कोविड अध्ययन सरकार के जरिए वित्त पोषित है और किंग्स कॉलेज लंदन और शहर के गेज और सेंट थॉमस अस्पतालों सहित एक समूह के जरिए संचालित है. बताया गया है कि यूके में हर दिन करीब 40 लाख लोग ऐप के माध्यम से कोरोना संक्रमण के बारे में और उसके लक्षणों के बारे में जानकारी देते हैं और हाल में कराए गए किसी कोविड परीक्षणों के परिणाम के बारे में भी सूचना देते हैं.
इसमें लोगों से अपील की जाती है कि अगर आपको एनएचएस (नेशनल हेल्थ सर्विस) के अनुसार कोविड के मुख्य लक्षणों बुखार, लगातार खांसी, या स्वाद या गंध की कमी में से कोई है और आप नहीं जानते हैं कि आपको कोविड संक्रमण है तो आप तुरंत जाकर पीसीआर टेस्ट करवाएं. सर्वे में पाया गया कि जिन लोगों ने इन लक्षणों में से किसी एक के होने की भी जानकारी दी है उनमें से 25 फीसदी लोगों ने इसके तुरंत बाद कोविड टेस्ट करवाए जाने की जानकारी नहीं दी. जिसका मतलब निकाला गया कि इन लोगों ने कोरोना टेस्ट नहीं करवाया.
ये हो सकती है टेस्ट ना करवाने की वजह
सर्वे में पाया गया कि कोरोना के लक्षणों के बारे में कम जानकारी होने के चलते भी लोग जांच करवाने में लापरवाही करते हैं क्योंकि यदि वह टेस्ट करवाना भी चाहते हैं तो यह नहीं जानते कि कहां और कैसे करवाया जाए. इसके अलावा उनमें संक्रमित होने का भय भी रहता है. साथ ही जागरूकता की कमी के कारण भी लोग टेस्ट नहीं करवा रहे हैं.