व्हाइट हनी में भरपूर होता है एंटीऑक्सीडेंट्स, जानिए इसके 6 बेमिसाल फायदे
ब्राउन कलर का शहद तो आप सभी ने खाया होगा, लेकिन क्या कभी सफेद रंग के शहद का स्वाद चखा है?
ब्राउन कलर का शहद तो आप सभी ने खाया होगा, लेकिन क्या कभी सफेद रंग के शहद का स्वाद चखा है? व्हाइट हनी क्रीमी सफेद रंग का होता है. इसे कच्चे शहद के तौर पर जाना जाता है. कहा जाता है कि ये शहद मधुमक्खी के छत्ते से निकाला हुआ होता है, इसमें किसी तरह की हीटिंग प्रक्रिया का इस्तेमाल नहीं होता.
हीटिंग प्रक्रिया के दौरान शहद के कुछ लाभकारी तत्व नष्ट हो जाते हैं, इसलिए इसे ब्राउन हनी की तुलना में ज्यादा फायदेमंद माना जाता है. सफेद शहद हर मौसम और हर फूल से प्राप्त नहीं होता बल्कि अल्फाल्फा, फायरवेड और सफेद तिपतिया घास के फूलों से मिलता है. माना जाता है कि रोजाना एक चम्मच सफेद शहद का सेवन करने से शरीर को तमाम फायदे होते हैं. जानिए व्हाइट हनी के बेमिसाल फायदों के बारे में.
1. व्हाइट हनी को एंटीऑक्सीडेंट्स का पावर हाउस कहा जाता है क्योंकि इसमें विटामिन ए और बी, कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस और जस्ता आदि ढेरों पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसके अलावा फ्लेवोनोइड्स और फेनोलिक नामक यौगिक और एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, बढ़ती उम्र के प्रभाव को रोकते हैं, साथ ही हार्ट डिजीज और कैंसर जैसी घातक बीमारी से बचाव करते हैं.
2. यदि आपको खांसी की समस्या हो तो व्हाइट हनी से काफी आराम मिलता है. आप पानी उबालकर नींबू और व्हाइट हनी डालकर भी पी सकते हैं. इससे भी खांसी में काफी आराम मिलता है.
3. पेट में छाले, अल्सर आदि की समस्या में भी व्हाइट हनी काफी फायदेमंद साबित होता है. इसके अलावा ये पाचन तंत्र को भी दुरुस्त करने का काम करता है. आप रोजाना एक चम्मच सफेद शहद खाली पेट लें.
4. यदि मुंह में छाले हो जाएं तो सफेद शहद का सेवन करने के साथ इसे छालों पर लगाकर लार को नीचे गिराइए. इससे काफी लाभ महसुस होगा.
5. यदि इस शहद को रोजाना गुनगुने पानी में मिलाकर लिया जाए तो शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा तेजी से बढ़ती है. इसके सेवन से महिलाओं का एनीमिया जैसी समस्या से बचाव होता है.
6. सफेद शहद में फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं, ऐसे में ये त्वचा के घावों को भरने के लिए उपयोगी होता है, साथ ही स्किन को हाइड्रेट रखता है और सुंदर बनाता है. सफेद शहद में फंगस को भी खत्म करने के गुण पाए जाते हैं.
ये हैं नुकसान
सफेद शहद में वैसे तो कई सारे गुण हैं, लेकिन व्हाइट हनी का सेवन हमेशा किसी विशेषज्ञ की सलाह लेकर निश्चित मात्रा में ही करना चाहिए ताकि इसके फायदे मिल सकें, शरीर को कोई नुकसान न हो. दरअसल सफेद शहद अपनी माइक्रोबियल सामग्री की वजह से ये कई बार बोटुलिज़्म का कारण बन सकता है. बोटुलिज़्म की वजह से कई बार पैरालिसिस का रिस्क बढ़ जाता है.
इसके अलावा व्हाइट हनी के अधिक सेवन से कई बार शरीर में फ्रक्टोज नामक तत्व की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे छोटी आंतों की पोषक तत्वों को सोखने की क्षमता कम होने लगती है. ऐसे में शरीर कमजोर होने लगता है. इसका अधिक सेवन फूड पॉइजनिंग की समस्या भी पैदा कर सकता है. एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों को सफेद या ब्राउन किसी भी तरह का शहद नहीं देना चाहिए. साथ ही जिनकी इम्युनिटी कमजोर हो, उन्हें भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए.