बस अब बहुत हुआ... दुनियाभर में हर रोज खुदकुशी की तमाम घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, हर रोज इस दुनिया में कई लोग अपनी जिंदगी से हार रहे हैं. इसपर लगाम लगाने के लिए, सरकार-प्रशासन हर संभव प्रयास में है. बावजूद इसके हर कोशिश नाकाम है. WHO द्वारा जारी हालिया आंकड़ों के मुताबिक, हर साल करीब 700,000 से ज्यादा लोग खुदकुशी करते हैं. ऐसे में सही वक्त पर, सही परामर्श मिलने पर इसमें सुधार हो सकता है. यही ध्यान में रखते हुए आज यानि 10 सितंबर 2023 को पूरी दुनिया World Suicide Prevention Day के तौर पर मना रही है...
इस खास दिन का मकसद, दुनियाभर में बढ़ते आत्महत्याओं के मामलों में रोक, ऐसे गंभीर और प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दे पर चर्चा और इससे जुड़े तमाम संगठनों और सरकारों के बीच जागरूकता बढ़ाना है. दुनिया में लगातार बढ़ती आत्महत्याओं के दर के मद्देनजर, ये जानना जरूरी है कि आखिर इस बेहद ही खास और जरूर दिन का इतिहास और महत्व क्या है...
ये है इतिहास...
साल 2003 से इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई, जब आत्महत्या रोकथाम के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ और विश्व स्वास्थ्य संगठन एक साथ आकर, विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस की स्थापना की... क्योंकि आत्महत्याएं रोकी जा सकती हैं... इसी उद्देश्य के साथ, इस खास दिन को मनाने के लिए 10 सितंबर की तारीख तय की गई और दुनिया भर की सरकारों, इससे जुड़े संगठनों और आमजन के बीच आत्महत्याओं का ये लगातार बढ़ता सिलसिला रोकने के लिए, ज्यादा से ज्यादा जागरूकता बढ़ाई गई.
क्या है इस साल की थीम...
बीते कुछ वर्षों में हुए आत्महत्याओं के मामलों में इजाफे को देखते हुए, इस साल यानि साल 2023 की थीम चुनी गई है, जो है "कार्रवाई के माध्यम से आशा पैदा करना". दरअसल इस थीम का मकसद आमजन में ये जागरूकता फैलाना है कि, आत्महत्याओं का भी विकल्प हो सकता है. अगर सही समय पर उचित कार्रवाई की जाए, तो खुदकुशी के इन मामलों में कमी आ सकती है.