शरीर के पाचन तंत्र को दुरुस्त बनाती है अजवायन, जाने और फायदों के बारें में

जाने और फायदों के बारें में

Update: 2023-08-24 08:26 GMT
अजवायन औषधीय गुणों से भरपूर है। इसलिए इसे घर का वैद्य भी कहा जाता है। दादी-नानी के नुस्खों में किसी भी तरह की छोटी-बड़ी बीमारी को दूर भगाने के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल अजवाइन का होता है। भारतीय खानपान में अजवाइन का प्रयोग एक मसाले की तरह सदियों से होता आया है। अजवाइन की पूरी हो परांठा, मसालेदार एवं तैलीय खाने को पचाने के लिए अजवाइन का इस्तेमाल खूब होता है। आयुर्वेद में शरीर के पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में अजवाइन काफी सहायक है। आइये जानते हैं अजवायन से होने वाले फायदों के बारे में।
 माहवारी में फायदेमंद :
महिलाओं में माहवारी के दौरान रक्तस्राव होना आम बात है। जिन महिलाओं को रक्तस्राव ज्यादा होता है, वे इस समस्या से बचने के लिए अजवायन को रात भर पानी में भिगोकर रख दें और सुबह उठकर खाली पेट इस पानी को पी लें। इससे रक्तस्राव के साथ ही दर्द में भी राहत मिलती है।
सर्दी-जुकाम और खांसी :
सर्दी-जुकाम और नाक बंद होने पर अजवाइन बहुत लाभकारी है। ऐसा करें कि अजवाइन को हल्का कूट लें। कूटी अजवाइन को एक महीन कपड़े में बांधकर सूंघते रहें। इसी तरह ठंड लगने पर अजावाइन को चबाकर पानी के साथ गटक लें। निश्चित तौर पर ठंड से राहत मिलेगी। इसी तरह खांसी होने पर भी अजवाइन के रस में दो चुटकी काला नमक मिलाकर उसे चूसते रहें। इसके बाद गर्म पानी पी लें। इसके अलावा नमक और अजवाइन मुंह में डालकर चूसने से भी आपकी खांसी ठीक हो जाएगी।
 पेट संबंधी रोग :
पेट में वायु अथवा अफारा होने पर अजवाइन को साफ करके थोड़ा-सा काला नमक मिलाकर चूर्ण बनाकर पानी के साथ लेने से कुछ ही क्षणों में अफारा दूर हो जाता है। यदि चूर्ण न हो तो थोड़ी-सी अजवाइन दांतों से चबाकर चूसने और थोड़ा गर्म पानी पीने से भी अफारा और पेट दर्द दूर हो जाता है।
 पाचन क्रिया :
अजवायन में थायमॉल (thymol) होता है। दुनिया में सबसे ज्यादा थायमॉल अजवायन के पौधे में पाया जाता है। ये पेट से केमिकल गेस्ट्रिक को बाहर निकालने में मदद करता है। जिससे की पाचन क्रिया आसान हो जाती है। मतली, अपच और शिशुओं के सभी पेट दर्द की समस्याओ में आराम दिलाता है।
 मिर्गी रोग में :
20 ग्राम अजवाइन, 10 ग्राम कपूर, 3 ग्राम सुहागा मिलाकर पीसले। इसे शीशी में भर ले। चौथाई चम्मच नित्य सुबह और शाम ठन्डे पानी के साथ फंकी ले। मिर्गी का दौरा पड़ना बंद हो जाएगा। इस प्रयोग को लम्बे समय तक करे।
अस्थमा :
सर्दियों में गर्म पानी के साथ अजवायन का सेवन खांसी से राहत देता है। इसके अलावा इसे खाने से म्यूकस की समस्या भी दूर होती है। दमा के रोगियों के उपचार में भी अजवायन बहुत ही असरदार होती है। गुड़ या गुड़ से बने पदार्थ के साथ अजवायन खाने फायदेमंद होता है।
कान का दर्द :
तिल के तेल में एक चम्मच लहसुन का पेस्ट और दो चम्मच अजवायन को उबालें। इसके ठंडा होने पर दो बूंदें कान में डाल लें। ऐसा करने से कान के दर्द में तुरंत आराम मिलता है। ऐसा करने से कान की सफाई भी हो जाती है।
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