अच्छी सेहत के लिए बहुत जरूरी हैं पर्याप्त नींद, अभाव में स्वास्थ्य पर पड़ते हैं ये बुरे प्रभाव
अभाव में स्वास्थ्य पर पड़ते हैं ये बुरे प्रभाव
नींद हमारी दैनिक दिनचर्या का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं जो कि सेहत के लिए उतनी ही जरूरी हैं जितना कि खानपान और व्यायाम। रात में नींद पूरी ना होने पर लोगों को दिनभर सुस्ती और थकान महसूस होती हैं। स्वस्थ शरीर के लिए हर व्यक्ति को कम से कम 8 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए। अच्छी नींद से हमारे शरीर और दिमाग को आराम मिलता हैं। जो लोग नाइट शिफ्ट में काम करते हैं उनकी सेहत उनके चेहरे से झलकती हैं। अच्छी और पर्याप्त नींद के अभाव में स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। आज इस कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह पर्याप्त नींद ना लेना इंसान के लिए समस्याएं खड़ी कर सकता है। आइये जानते हैं इनके बारे में...
मानसिक स्थिति पर असर
कम सोने का सीधा असर हमारी मानसिक स्थिति पर भी पड़ता है। जितनी देर हम सोते हैं उतनी देर में हमारा दिमाग भी एक नई ऊर्जा जुटा लेता है। लेकिन नींद पूरी नहीं होने पर दिमाग तरोताजा नहीं हो पाता, जिसके चलते कई मानसिक समस्याएं हो जाती हैं और कई बार याददाश्त से जुड़ी परेशानी भी हो जाती है।
वजन बढ़ने की समस्या
मोटापे के बढ़ने का एक कारण भरपूर नींद ना लेना भी है। बता दें कि इससे जुड़ी रिसर्च भी सामने आई है, जिससे यह साबित होता है कि यदि व्यक्ति भरपूर नींद नहीं लेता है या 5 घंटे से कम लेता है तो इससे उनके शरीर का बीएमआई यानी बॉडी मांस बढ़ सकता है।
नींद की कमी के कारण इम्यून सिस्टम की कार्यक्षमता भी कमजोर होने लगती है। इसीलिए, गम्भीर स्वास्थ्य समस्याओं और थकान से बचने के लिए रोजाना पर्याप्त नींद सोने का प्रयास करें। इससे थकान कम होगी और रोग-प्रतिरोधक शक्ति भी बढ़ सकती है।
दिल की सेहत पर बुरा असर
ठीक तरीके से नींद न ले पाने से शरीर का मेटाबॉलिज्म रेट प्रभावित होता है। इसकी वजह से शरीर में चर्बी बढ़ने लगती है। ऐसे में दिल की सेहत पर बुरा असर पड़ता है और हाई बीपी, डायबिटीज और हृदय संबन्धी परेशानियों का रिस्क बढ़ जाता है। जब हम सोते हैं तो यह वक्त हमारे शरीर की अंदरूनी मरम्मत और सफाई का होता है लेकिन नींद पूरी न होने की वजह से शरीर के विषाक्त पदार्थ साफ नहीं हो पाते और जिसकी वजह से हाई ब्लड प्रेशर की आशंका बढ़ जाती है।
हार्मोनल समस्याएं
आजकल महिलाओं में थायरॉयड, पीसीओडी जैसी कई हार्मोनल परेशानियां का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। इसकी बड़ी वजह स्ट्रेस है। नींद की कमी से भी स्ट्रेस बढ़ता है और ये तनाव कई समस्याओं की वजह बनता है। इसकी वजह से हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं और महिलाओं में चिड़चिड़ापन, मूड स्विंग, पीरियड की अनियमितता, मोटापा जैसी परेशानियां हो जाती हैं। ये परेशानियां अन्य बीमारियों को न्योता देती हैं।
उच्च रक्तचाप की समस्या
जो व्यक्ति भरपूर नींद नहीं लेता है उसके शरीर में रक्तचाप की समस्या हो सकती है। बता दें कि नींद की कमी का रक्तचाप से संबंध होता है। दरअसल, नींद की कमी के कारण व्यक्ति न्यूरोबायोलॉजिकल समस्या और शारीरिक तनाव से ग्रस्त हो जाता है, जिससे व्यक्ति के मस्तिष्क के कार्य बिगड़ सकते हैं। इससे रक्तचाप की समस्या हो सकती है।
निर्णय लेने में दिक्कत
नींद की कमी का एक बुरा परिणाम लोगों की डिसिजन मेकिंग या निर्णय लेने की क्षमता कमजोर होने के तौर पर भी पड़ता है। किसी महत्वपूर्ण विषय पर निर्णय ना ले पाना या किसी चीज का चयन करने में असुविधा होना भी नींद की कमी के बुरे प्रभावों में से एक हो सकता है। इसकी वजह से लोगों को महत्वपूर्ण और कठिन परिस्थितियों में किसी निर्णय तक न पहुंच पाने की स्थिति बन जाती है। कई बार लोग उस स्थिति को संभाल नहीं पाते और आपा खो देते हैं।
एजिंग की समस्या
एजिंग की समस्या का मतलब है त्वचा पर बुढ़ापे के लक्षण नजर आना। बता दें कि ये समस्या नींद की कमी के कारण हो सकती है। जो व्यक्ति अपर्याप्त नींद नहीं लेता है या 5 घंटे से कम सोता है तो इससे उनकी त्वचा पर कई नकारात्मक बदलाव देखें जा सकते हैं। ऐसे में व्यक्ति को लक्षणों के तौर पर लटकी पलकें, आंखें में लालिमा, काले घेरे की समस्या, झुर्रियां आदि समस्या हो सकती है।