अपने हित ही सर्वोपरि
लगता नहीं है कि हाउदी मोदी और नमस्ते ट्रंप जैसे कार्यकर्मों से वर्तमान चुनाव में राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप को कोई खास फायदा हो रहा है।
तीन फीसदी लोग किसी तीसरी पार्टी को वोट करना चाहते हैं, जबकि तीन फीसदी किसी को भी वोट नहीं देना चाहते। पोलिंग फर्म यू-गोव ने ये सर्वे किया। उसने ये सर्वे अमेरिका की मशहूर जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया और कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के लिए किया। इसके निष्कर्ष अमेरिकी मीडिया में छप रही दूसरी रिपोर्टों से मेल खाती हैं। मसलन, मशहूर अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार कमला हैरिस का जो बाइडेन का जोड़ीदार होना उन्हें फायदा पहुंचा रहा है। अखबार के अनुसार बाइडेन को फ्लोरिडा, मिशिगन और पेनसिल्वेनिया राज्यों में इसका फायदा मिल सकता है। कमला हैरिस की मां भारतीय थीं और इस वजह से ना केवल अमेरिका में रहने वाले भारतीयों में वे लोकप्रिय हैं। सर्वेक्षणों के मुताबिक लगभग 45 फीसदी लोगों ने यह माना है कि वे कमला हैरिस के ही कारण डेमोक्रेटिक पार्टी को वोट डालने वाले हैं। सामने यह आया है कि इस चुनाव में भारतीय मूल के अमेरिकी लोगों के लिए अमेरिका और भारत के रिश्ते कम मायने रखते हैं। इसके बजाय वे अमेरिका की स्वास्थ्य व्यवस्था और अर्थव्यवस्था जैसे मुद्दों से ज्यादा प्रभावित हैं। गौरतलब है कि अमेरिका की राजनीति में भारतीय मूल के लोगों का महत्त्व बढ़ा है। अमेरिका में 3 नवंबर को मतदान होना हैं। कोरोना महामारी के बीच इस बार चुनावी रैलियां उतनी भव्य नहीं हैं, जितनी आम तौर पर अमेरिका में देखी जाती हैं। माना जा रहा है कि महामारी को लेकर डॉनल्ड ट्रंप का जो रुख रहा, वही प्रमुख रूप से इस बार इस चुनाव के परिणाम को निर्धारित करेगा।