By NI Editorial
चीन को इस विवाद में अपने लिए नए अवसर नजर आए हैँ। इसके अलावा वहां इस बात का अहसास गहराया है कि आज जिस तरह की लामबंदी रूस के खिलाफ हुई है, आगे चल कर वह निश्चित रूप से चीन के खिलाफ होगी। खास कर ताइवान के मामले में ऐसा होना तय समझा जा रहा है।
यूक्रेन पर रूस के हमले से गहराते वैश्विक संकट के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बातचीत की। इसके बाद अमेरिकी में बनी सुर्खियों में कहा गया कि बाइडेन ने शी को चेतावनी दी कि चीन पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों को नाकाम करने के लिए रूस की मदद ना करे। लेकिन ह्वाइट हाउस के बयान में बाइडेन को सिर्फ यह कहते बताया गया कि अगर चीन ने रूस की मदद की, तो उसके 'परिणाम' होंग। बहरहाल, इस बात का शी पर कोई असर हुआ, इसके कोई संकेत नहीं हैं। चीनी मीडिया में सुर्खी यह बनी कि शी ने बाइडेन से कहा कि अमेरिका रूस से बातचीत करे और उसकी सुरक्षा की चिंताओं का हल निकालते हुए समस्या का समाधान ढूंढे। द्विपक्षीय संबंधों के मामले में भी चीन का रुख खासा सख्त रहा। बाइडेन ने कहा कि अमेरिका चीन से टकराव नहीं चाहता और ताइवान के मामले में वह 'एक चीन नीति' पर कायम है। इस पर शी ने कहा कि 'कोई वॉशिंगटन में ऐसा है, जो इन भावनाओं के मुताबिक काम नहीं कर रहा है।'
कुल सार यह है कि स्थिति जस की तस बनी रही। बातचीत के लिए पहल बाइडेन ने की। इसे अमेरिका में गहराते इस अहसास का संकेत माना गया है कि अगर चीन रूस विरोधी लामबंदी में शामिल नहीं हुआ, तो पश्चिमी प्रतिबंध अपना मकसद हासिल नहीं कर सकेंगे। दूसरी तरफ चीन को इस विवाद में अपने लिए नए अवसर नजर आए हैँ। इसके अलावा वहां इस बात का अहसास गहराया है कि आज जिस तरह की लामबंदी रूस के खिलाफ हुई है, आगे चल कर वह निश्चित रूप से चीन के खिलाफ होगी। खास कर ताइवान के मामले में ऐसा होना तय समझा जा रहा है। तो फिर चीन अमेरिका की मदद करेगा, यह उम्मीद ही निराधार है। ऐसे में दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ना लाजिमी है। दोनों राष्ट्रपतियों की बातचीत से पहले अमेरिकी विदेश उप मंत्री वेंडी शेरमैन ने एक अमेरिकी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था-चीन को ये समझना चाहिए कि"उसका भविष्य अमेरिका, यूरोप और दुनिया के अन्य विकसित और विकास कर रहे देशों के साथ है। व्लादिमीर पुतिन के साथ नहीं। मगर अब यह साफ हो चुका है कि चीन ऐसा नहीं मानता। वह फिलहाल, नए बने और बन रहे हालात में अपना फायदा देख रहा है।