आज शिक्षक निर्देशों की भाषा बदल रहे हैं ताकि वे ऑफलाइन कक्षा की वही गर्मजोशी ऑनलाइन क्लास में दे सकें, जो हमें मिलती थी
शिक्षक जी, आपको याद है कि आप कैसे चॉक के टुकड़े से निशाना लगाकर मुझे मारते थे और वह टुकड़ा मेरी ओर बंदूक की गोली की तरह आता था
एन. रघुरामन। शिक्षक जी, आपको याद है कि आप कैसे चॉक के टुकड़े से निशाना लगाकर मुझे मारते थे और वह टुकड़ा मेरी ओर बंदूक की गोली की तरह आता था? यह अलग बात है कि मैं झुककर बच जाता था। इसलिए नहीं कि मैं रजनीकांत था, बल्कि जब मैं अपने साथ बैठे दोस्त से बात में व्यस्त होता था, तो आगे की लाइन में बैठी होशियार लड़कियों की हंसी मुझे चेता देती थी कि एक तूफान मेरी ओर बढ़ रहा है। और जब मैं आपकी ओर देखता था तो आप कहते थे, 'कितनी बार कहना पड़ेगा, चुपचाप बैठो।' लेकिन आज आप उसी कक्षा में खड़े हैं, वही विषय काफी अच्छे से पढ़ा रहे हैं, लेकिन मैंने कल आपको मेरे बच्चे की ऑनलाइन क्लास में कहते सुना, 'तुम यहां मुझसे बात करने के लिए हो, चुपचाप मत बैठो।' ये 360 डिग्री बदलाव क्यों? क्या हुआ आपको? जैसे आज बच्चे मां से पढ़ाई संबंधी सवाल पूछते हैं, वैसे ही मैं अपनी बेंच के साथी से पूछता था तो आप सजा क्यों देते थे?