ये रुख तार्किक है
छत्तीसगढ़ आधिकारिक रूप से कोवैक्सीन को ठुकराने वाला पहला राज्य बना है।
जनता से रिश्ता वेबडेसक | छत्तीसगढ़ आधिकारिक रूप से कोवैक्सीन को ठुकराने वाला पहला राज्य बना है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने केंद्र सरकार से कहा है कि उनके राज्य में कोवैक्सिन ना भेजी जाए। सवाल यह है कि जिस वैक्सीन को लेने से स्वास्थ्य कर्मियों ने सिरे से इनकार कर दिया है, आखिर उसे अन्य लोगों को क्यों लगाया जाना चाहिए? गौरतलब है कि कोवैक्सिन शुरू से विवादों में रही है। उसे बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक और सहयोग देने वाली केंद्र सरकार की संस्था आईसीएमआर खुद मानती हैं कि टीके का परीक्षण अभी चल ही रहा है। इसके प्रभावी होने से संबंधित पूरी जानकारी अभी सामने नहीं है। कई जानकार इस तरह के टीके के टीकाकरण अभियान में इस्तेमाल पर चिंता व्यक्त कर चुके हैं। ऐसे में अगर कोई राज्य अपने यहां इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहता तो उसे इसका अधिकार होना चाहिए। मुद्दा यह है कि मकसद वैक्सीन लगा कर कोरोना वायरस का संक्रमण रोकना है या महज रस्म-अदायगी करना?