संत नरेंद्र गिरि ने संदिग्ध आत्महत्या की। यह बहुत आश्चर्य की बात है कि एक संत जो लोगों के लिए एक आदर्श है, उसने आत्महत्या कर ली। जब कोई व्यक्ति संत बन जाता है तो वह सभी भौतिक विलासिताओं को छोड़ देता है। वह एक सादा जीवन और उच्च विचार जीता है। फिर प्रश्न यह है कि उन्होंने आत्महत्या क्यों की? रिपोर्टों के अनुसार उन्हें लिखना नहीं आता था। फिर सुसाइड नोट किसने लिखा और क्या लिखे गए शब्द उनके अपने थे?
प्राथमिक जांच में यह आत्महत्या एक रहस्य है क्योंकि आत्महत्या कई कारणों से की जाती है, जैसे तनाव, लंबी और गंभीर बीमारी, धमकी और भ्रष्टाचार के मामलों में फंस जाना आदि। लेकिन एक संत के लिए ये सब बातें मायने नहीं रखतीं और आत्महत्या कोई समाधान नहीं है। इस मामले में गहन जांच होनी चाहिए।
-नरेंद्र कुमार शर्मा, भुजड़ू, मंडी