ऑक्सीजन की कमी से मरे थे लोग!
ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं होने के केंद्र सरकार के विवादित दावे के बाद अब यह बात सामने आने लगी है
ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं होने के केंद्र सरकार के विवादित दावे के बाद अब यह बात सामने आने लगी है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर में राज्यों में ऑक्सीजन की कमी से लोगों की मौत हुई थी। आंध्र प्रदेश की सरकार ने माना है कि उसके यहां ऑक्सीजन की कमी से कुछ मरीजों की मौत हुई थी। पंजाब सरकार ने भी कहा है कि कम से कम चार लोगों की मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई थी।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने संसद में एक सवाल के जवाब में कहा था कि ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं हुई थी। इस जवाब पर विवाद होने के बाद केंद्र की ओर से राज्यों से कहा गया कि वे ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों का आंकड़ा दें। बताया जा रहा है कि कई राज्यों ने केंद्र को ब्योरा भेजा है। कई राज्यों ने अब भी आंकड़ा नहीं भेजा है, जिनमें दिल्ली सरकार भी शामिल है। ध्यान रहे दिल्ली के कम से कम तीन अस्पतालों- जयपुर गोल्डेन, गंगाराम और बत्रा अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मौत हुई थी।
बहरहाल, आंध्र प्रदेश की सरकार ने बुधवार को केंद्र को बताया कि राज्य में कुछ कोरोना मरीजों की मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई। राज्य सरकार ने कहा कि कुछ कोरोना संक्रमित वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे और इस दौरान ऑक्सीजन का दबाव कम होने के चलते उनकी जान गई। आंध्र प्रदेश पहला ऐसा राज्य है, जिसने इस बात को स्वीकार किया है कि इलाज के दौरान किसी कोरोना संक्रमित की मौत ऑक्सीजन की कमी के चलते हुई है।
जानकार सूत्रों के मुताबिक आंध्र प्रदेश के अलावा पंजाब, ओड़िशा, अरुणाचल, असम, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर, झारखंड, हिमाचल आदि राज्यों ने सरकार को ब्योरा भेजा है। पंजाब ने भी कहा है कि ऐसा संदेह है कि चार कोरोना मरीजों की मौत ऑक्सीजन की कमी के चलते हुई है। गौरतलब है कि इससे पहले केंद्र सरकार ने संसद में बताया था कि राज्यों ने ऑक्सीजन की कमी से मौत का कोई आंकड़ा नहीं भेजा है। सरकार ने कहा था कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मौतों के आंकड़े को लेकर विस्तृत गाइडलाइन जारी की गई है। किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ने ऑक्सीजन की कमी से कोरोना संक्रमित की मौत की बात नहीं कही है।