महामारी, मानवता और मुनाफा
मानवीय दृष्टि से देखें तो महामारी के वक्त मुनाफे की फिक्र किसी भी रूप में जायज नहीं कही जा सकती। लेकिन
मानवीय दृष्टि से देखें तो महामारी के वक्त मुनाफे की फिक्र किसी भी रूप में जायज नहीं कही जा सकती। लेकिन दुनिया की बड़ी दवा कंपनियां अपने इस लालच को छोड़ने को तैयार नहीं हैं। गौरतलब है कि भारत और दक्षिण अफ्रीका ने विश्व व्यापार संगठन (डब्लूटीओ) के सामने एक प्रस्ताव रखा है, जिसमें कहा गया है कि अगर कोरोना की वैक्सीनों को कुछ समय के लिए बौद्धिक संपदा (आईपी) अधिकार कानूनों से बाहर कर दिया जाए, तो महामारी से लड़ने में आसानी होगी। लेकिन अमीर देश प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं। भारत और दक्षिण अफ्रीका की दलील है कि आईपी अधिकार से छूट मिलते ही गरीब देशों की दवा निर्माता कंपनियां असरदार वैक्सीन का उत्पादन शुरू कर पाएंगी। भारत दुनिया में सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता देश है और सस्ते भावपर इनके सप्लायर के रूप में उसकी पुरानी प्रतिष्ठा रही है। खबरों के मुताबिक भारत और दक्षिण अफ्रीका ने इस मुद्दे को लेकर अक्टूबर 2020 में डब्लूटीओ में अपनी पहल की।