मंकीपॉक्स: कनाडा और यूके में आए इस वायरस के मामले, विशेषज्ञों ने कहा- भारत को अलर्ट रहने की जरूरत
मंकीपॉक्स
शालिनी सक्सेना |
भारत के संक्रामक रोग विशेषज्ञों का कहना है कि अभी तक यहां मंकीपॉक्स (Monkeypox ) का कोई भी मामला सामने नहीं आया है , लेकिन टूरिस्ट सीजन शुरू होते ही इस बात की बहुत ज्यादा संभावना है कि संक्रमण उपमहाद्वीप में पहुंच सकता है.कनाडा ने क्यूबेक में इसके पहले दो मामलों की पुष्टि की है जबकि 30 और लोगों के भी वायरस से संक्रमित होने का संदेह है. यह यूरोप और उत्तरी अमेरिका में मामलों की बढ़ती संख्या को और बढ़ा रहा है.स्पेन और पुर्तगाल में मंकीपॉक्स के 40 से अधिक संदिग्ध मामले सामने आए हैं. वायरल इंफेक्शन यूरोप में बहुत कम देखा जाता है. इन मामलों को देखते हुए क्या भारत को चिंतित होना चाहिए?
मुंबई के वॉकहार्ट हॉस्पिटल के मेडिसिन के हेड डॉ बेहराम परदीवाला ने Tv9 को बताया कि अभी तक हमने देश में इसका कोई भी मामला नहीं देखा है. डॉ पारदीवाला ने कहा, "हालांकि, देश को सतर्क रहना होगा क्योंकि लोगों ने ट्रेवल करना शुरू कर दिया है. आमतौर पर वायरल इंफेक्शन मानव संपर्क से फैलता है और यदि कोई व्यक्ति लंबे समय तक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहता है तो उसे भी संक्रमण हो जाता है. ऐसा माना जाता है कि यह चूहों में पैदा होता है और फैलता है. यह भी माना जाता है कि यह संक्रमण समलैंगिकों में ज्यादा होता है."
उन्होंने यह भी कहा कि अगर लोग यात्रा के दौरान सावधानी बरतें, तो भारत में संक्रमण की संभावना को कम किया जा सकता है. डॉ पारदीवाला ने कहा "त्वचा पर चकत्ते वाले लोगों से दूर रहना चाहिए. मंकीपॉक्स ऐसा संक्रमण जिसे छुपाया नहीं जा सकता है. इसमें पूरी त्वचा पर फुंसी (जो एक पीले रंग के तरल पदार्थ से भरी होती हैं) निकल आती हैं."
उन्होंने कहा कि संक्रमित व्यक्ति को फुंसी होने के बाद ही किसी दूसरे व्यक्ति को मंकीपॉक्स हो सकता है. परदीवाला ने कहा, "यदि कोई व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति से दो फीट से भी कम दूरी पर है तो संक्रमण होना संभव है वरना यह संक्रमण नहीं हो सकता."
ट्रांसमिशन रेट (संचरण दर) क्या है?
यह इंसानों में एक संक्रामक रोग है. हालांकि अब तक केवल सीमित इंसानों-से-इंसानों में इसके प्रसार की सूचना मिली है. यह अनुमान लगाया गया था कि इसका ट्रांसमिशन रेट (Transmission rate of monkey pox)) 3.3 प्रतिशत से 30 प्रतिशत था. लेकिन कांगो गणराज्य में इसके हालिया प्रकोप के बाद इसके ट्रांसमिशन रेट का अनुमान 73 प्रतिशत लगाया गया. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने फरवरी के अंतिम सप्ताह में कांगो गणराज्य में मंकीपॉक्स के 75 मामले और इसके कारण हुई दो मौतों की सूचना दी. 2022 के पहले दो महीनों के दौरान 37 मौतों सहित इसके 704 मामले सामने आए हैं.
मंकीपॉक्स क्या है?
यह एक दुर्लभ और आमतौर पर एक हल्का संक्रमण है जो आमतौर पर अफ्रीका के कुछ हिस्सों में संक्रमित जंगली जानवरों से होता है. NHS वेबसाइट के मुताबिक. यह रोग चेचक से संबंधित है. जिसमें चेहरे पर अक्सर दाने निकल आते हैं. यह पहली बार 1970 के दशक में कांगो गणराज्य में दर्ज किया गया था. पिछले एक दशक में पश्चिम अफ्रीका में इसके मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है.
WHO वायरस का पता लगा रहा है
एक कॉन्फ्रेंस के दौरान विश्व स्वास्थ्य (World Health Organisation) संगठन की मारिया वान केरखोव (Maria Van Kerkhove) ने कहा, "हम इनमें से हर मामले में संक्रमण के स्रोत और आगे कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग का पता लगाने के लिए अपने रीजनल ऑफिस और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि आगे कोई ह्यूमन- टू-ह्यूमन ट्रांसमिशन न हो." उन्होंने कहा, "मंकीपॉक्स के प्रसार की सीमा को समझने के लिए कई स्टडी की जा रही हैं. हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि जिन लोगों को मंकीपॉक्स होने का संदेह है उन्हें आइसोलेट कर उनका परीक्षण भी किया जा रहा है."