पूरा पांच सितारा

इसे कहते हैं राजनीति की ‘पूर्व-चाल’ यानी ‘एडवांस मूव’! फिर एक दिन गुजरात सरकार ने भी चुनाव की घोषणा से कुछ पहले ‘समान नागरिक संहिता’ लाने का ऐलान कर दिया। देखते-देखते हर चैनल पर ‘हिंदू-मुसलमान’ होने लगा, लेकिन जैसे ही अगली शाम गुजरात के मोरबी का ‘झूलता पुल’ ताश के पत्तों की तरह गिरा वैसे ही ‘समान नागरिक संहिता’ के विचार और ‘गुजरात माडल’ की हवा निकलती दिखी!

Update: 2022-11-06 05:09 GMT

सुधीश पचौरी: इसे कहते हैं राजनीति की 'पूर्व-चाल' यानी 'एडवांस मूव'! फिर एक दिन गुजरात सरकार ने भी चुनाव की घोषणा से कुछ पहले 'समान नागरिक संहिता' लाने का ऐलान कर दिया। देखते-देखते हर चैनल पर 'हिंदू-मुसलमान' होने लगा, लेकिन जैसे ही अगली शाम गुजरात के मोरबी का 'झूलता पुल' ताश के पत्तों की तरह गिरा वैसे ही 'समान नागरिक संहिता' के विचार और 'गुजरात माडल' की हवा निकलती दिखी!

त्रासदी भयावह थी: एक सौ पैंतीस की तत्काल मौत, उनमें पैंतालीस बच्चे और सौ के करीब गायब! त्रासद दृश्यों को खबरिया चैनल सीधा दिखाते रहे और एक सुर से सरकार को जिम्मेदार ठहराते रहे। जरा सोचिए, एक सौ की क्षमता वाले पुल पर पांच सौ से भी अधिक की भीड़ रही।

कमाई के चक्कर में अंधाधुंध टिकट बेचे गए। पुल की मरम्मत का काम जिसे दिया गया वह एक घड़ी बनाने वाली कंपनी थी और मरम्मत का काम भी बिना निविदा के दिया गया, फिर बिना अनापत्ति प्रमाणपत्र के पुल का उद्घाटन कर दिया गया… क्यों? त्रासद तस्वीरों को देख कलेजा मुंह को आता था। एक ओर पानी में असमय समाधि ले चुके लोगों के परिजनों की चीख-पुकार और बचे या बचाए गए लोगों का 'आखों देखा हाल'। लापरवाही पर लापरवाही।

चैनल सीसीटीवी फुटेज दिखाते कि पुल किस तरह अचानक बीच से झूल गया और जश्न मनाते लोग पानी में समा गए। फिर किस तरह फौज का बचाव दल बचाव कार्य में दिन-रात लगा रहा और बहुत से लोगों को बचाया गया। बहुत दिन बाद अपने एंकरों को 'जनहित' याद आया और पहली बार उनकी आलोचनात्मक वाणी खुली और गुजरात की सरकार 'जबावदेह' बताई जाती रही!

झटका इतना बड़ा था कि देर तक भाजपा प्रवक्ताओं की वाणी नहीं खुली। फिर जो बोले, बेहद सावधानी से बोले। सबसे पहले वे मृतकों को श्रद्धासुमन अर्पित करते, फिर कहते कि दोषियों का बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वे जो हों… और फिर ठुकाई सहते रहते। प्रशासन की 'एफआइआर' भी गजब ढाती थी: एक भी बड़ी मछली का नाम न था, सिर्फ कुछ छोटी-छोटी मछलियों का नाम था। जैसे टिकट क्लर्क और सुरक्षा वाले… यहां भी राजनीति!

'डैमेज कंट्रोल' के लिए अपने सारे कार्यक्रम छोड़ पीएम को आना पड़ा। इससे पहले एक पूर्वनिश्चित सभा में बोलते हुए उन्होंने मोरबी के मृतकों के प्रति अपनी शोक संवेदना प्रकट की और कहा कि मेरा मन मोरबी में है… कर्तव्य की मजबूरी है… गुजरात सरकार ने तुरंत एक जांच समिति बना दी, लेकिन एंकर कहते रहे कि हर बार यही होता है: दुर्घटना होती है।

लोग मरते हैं। छोटी मछलियां पकड़ ली जाती हैं, बड़ी छूट जाती हैं। फिर लोग भूल जाते हैं और फिर कोई दूसरी दुर्घटना हो जाती है, फिर सब इसी तरह रोते हैं। कोई कहता है, यह त्रासदी 'मनुष्यकृत' है, तो दूसरे कहते हैं 'सब भगवान की मर्जी'… यों विपक्ष इस नाजुक वक्त में भी 'जख्म पर नमक छिड़कने' से बाज न आया। सिर्फ राहुल ने अपनी पार्टी वालों को राजनीति करने से बरजा! इसे कहते हैं समझदारी!

कई अंग्रेजी चैनलों ने 'द वायर' की कथित 'फेक न्यूजबाजी' की 'पोल-खोल' के 'पुण्यकर्म' को जारी रखा। 'वायर' द्वारा 'आरोपित' भाजपा के आइटी सेल के मुखिया अमित मालवीय ने वायर के संस्थापक संपादकों के खिलाफ एफआइआर की, जिसके फलस्वरूप पुलिस ने 'वायर' पर छापा मारा।

इसी क्रम में अंग्रेजी चैनल उस 'कंट्रीब्यूटर' को ले आए, जिस पर 'वायर' ने 'फोर्जिंग' का केस किया कि उसने उनको 'धोखा' दिया है… उस 'कंट्रीब्यूटर' ने भी साफ किया कि वहां सब काम सामूहिक तरीके से होता था, यानी कि वायर की टीम की इजाजत के बिना कुछ नहीं होता था!

अरे भाई! भाजपा वाले आपकी नजर में कथित 'फेकबाजी' करें तो करें, क्या आप भी उनकी तरह कथित 'फेकबाजी' करेंगे… तब आपकी 'क्रांतिकारिता' तो गई न! बहरहाल, फिर एक दिन सरकार ने आइटी नियम बदल दिए, यानी हर आइटी पोर्टल/ प्लेटफार्म भारत के कानूनों के पाबंद होगा। अब फिर 'सोशल मीडिया की आजादी के मतवाले' रोएंगे!

फिर एक दिन 'ट्विटर' के नए वैश्विक महाजन एलेन मस्क ने ट्वीट कर दिया कि अब 'चिड़िया (ट्विटर) आजाद' है… और फिर यह कह कर पुराने 'ब्लूटिक छाप नेटीजनों' को उनकी औकात दिखा दी कि 'फ्री ब्लूटिक' के दिन गए। अब तो पैसा दो तो 'ब्लूटिक' लो!

इस बीच चुनाव आयोग ने गुजरात में एक और पांच दिसंबर को मतदान तय कर दिया। 'आप' ने मुख्यमंत्री के रूप में ईशुदान गडवी का नाम भी घोषित कर दिया! मगर जय हो सजा काट रहे, लेकिन पेरोल पर जेल से बाहर आए बाबा राम रहीम की कि जिनके डेरे पर एक से एक तग्गड़ नेता बाबा का 'आशीर्वाद' लेने के लिए रिरियाते दिखते हैं! बाबा क्या है? पूरा पांच सितारा है!


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