पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाला उत्सर्जन तेजी से बढ़ा
प्रकृति के खिलाफ हमारे युद्ध ने धरती को छिन्न-भिन्न कर दिया है।
जैसे जैसे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाला उत्सर्जन लगातार बढ़ रहा है, जैव विविधता को होने वाली हानि तेजी से बढ़ रही है। इससे नई-नई समस्याएं खड़ी हो रही हैं। अब तक इन सभी समस्याओं का अलग-अलग हल ढूंढ़ने की कोशिश नाकाफी साबित हुई हैं। इसलिए संयुक्त राष्ट्र की तरफ से पेश एक नई योजना हालांकि सामयिक और जरूरी है, लेकिन उससे कोई फर्क पड़ेगा, इसको लेकर भरोसा नहीं बंधता। संयुक्त राष्ट्र ने पर्यावरण की तीन आपात स्थितियों से निपटने के लिए इस नई योजना को पेश किया है। संयुक्त राष्ट्र ने उचित ही कहा है कि जलवायु संकट, जैव विविधता में ह्रास और प्रदूषण- ये तीनों संकट एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और इनका अकेले-अकेले हल नहीं निकाला जा सकता। संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंटोनियो गुटेरेश ने संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) की इस नई रिपोर्ट की प्रस्तावना में कहा है- प्रकृति के खिलाफ हमारे युद्ध ने धरती को छिन्न-भिन्न कर दिया है।