ऐसे मनाएं गणेश चतुर्थी…
हमारे देश में बहुत से पर्व और त्योहार ऐसे भी हैं जो हमें प्रकृति से बांधने का काम करते हैं
हमारे देश में बहुत से पर्व और त्योहार ऐसे भी हैं जो हमें प्रकृति से बांधने का काम करते हैं और हमें प्रकृति की रक्षा करने का संदेश भी देते हैं। पहले गणेश जी की मूर्ति को मिट्टी से बनाया जाता था और गाय के गोबर को इस पूजा में प्रयोग किया जाता था। इस पूजा सामग्री के अवशेषों को जल में प्रवाहित करने से जल शुद्ध होता था, लेकिन अब शायद ही कोई गाय का गोबर प्रयोग करता हो। अब तो हर पर्व पर आधुनिकता का रंग चढऩे लगा है, जो कि हमारी सभ्यता-संस्कृति के विरुद्ध भी है और पर्यावरण के लिए भी उचित नहीं है। अगर हम गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की मूर्तियों को खरीदते हैं और इस पूजा में प्रयोग होने वाली सामग्री प्राचीन तरीकों की अपनाते हैं, हवन यज्ञ करते हैं तो इससे कई गरीब लोगों का रोजगार बढ़ेगा।
-राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा