ओमिक्रॉन से बचने के लिए सावधानी जरूरी
यह हमारी जान का दुश्मन बनने के साथ ही हमारी आर्थिक व्यवस्था के लिए भी हानिकारक सिद्ध होगा
हमारे देश को इस नए वायरस ओमिक्रॉन से बचने के लिए उसी तरह सावधानी और सतर्कता गंभीरता से बरतनी होगी जैसी वैश्विक महामारी कोरोना की पहली और दूसरी लहर में बरती गई थी। सारे देश को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज जरूर लगानी चाहिए। देश के वैज्ञानिकों को बच्चों के लिए भी वैक्सीन जल्दी से जल्दी तैयार करनी चाहिए। इसके साथ हम सभी को वैश्विक महामारियों से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग के नियमों का पालन करना होगा। अगर हम ओमिक्रॉन के प्रति लापरवाही बरतेंगे तो यह हमारी जान का दुश्मन बनने के साथ ही हमारी आर्थिक व्यवस्था के लिए भी हानिकारक सिद्ध होगा।
सरकारी खजाने पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा। और अब अगर महामारियों के कारण देश में लॉकडाउन होता है तो यह मध्यम और गरीब वर्गीय परिवारों का जीना दुश्वार कर देगा। इसलिए सारे देश को कोरोना और कोरोना के नए रूप को हल्के में नहीं लेना होगा। हमें कोरोना से डरने के बजाय इसका मुकाबला करना होगा। विदेशों से आने वाले लोगों को क्वारंटाइन किया जाना चाहिए क्योंकि यह बाहरी देशों में ज्यादा फैल रहा है। वहां से इसकी एंट्री हमारे देश में भी हो गई है। देश में कोरोना के इस नए वेरिएंट से संक्रमित लोगों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। पहले कर्नाटक में मामले सामने आए और अब अन्य प्रदेशों में भी इसकी एंट्री हो चुकी है। नए वेरिएंट से संक्रमित लोगों को आइसोलेट किया जाना चाहिए। दूसरे प्रदेशों में इसका फैलाव न हो, इसके लिए व्यापक प्रबंध करने होंगे। कोरोना प्रोटोकॉल का पालन अभी भी अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए। लोगों को भीड़भाड़ में जाने से बचना चाहिए। बार-बार हाथ साबुन से धोते रहें या सेनेटाइज करें। दो गज की दूरी का जो नियम है, उसका पालन भी अनिवार्य रूप से करना होगा। साथ ही मास्क का प्रयोग भी जरूरी है। थोड़ी सी ढील से भी स्थितियां बहुत बिगड़ सकती हैं। अत: सभी को सचेत रहना है।
-राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा