सेना, जासूसी और पेगासस-2
पेगासस एक ऐसा स्पाइवेयर है, जिसका प्रयोग करके स्मार्टफोन के एन्क्रिप्टेड ऑडियो, वीडियो संदेश, जिनको सामान्यतः भेजने तथा पाने वाला ही देख व सुन सकता है
पेगासस एक ऐसा स्पाइवेयर है, जिसका प्रयोग करके स्मार्टफोन के एन्क्रिप्टेड ऑडियो, वीडियो संदेश, जिनको सामान्यतः भेजने तथा पाने वाला ही देख व सुन सकता है, उसकी जानकारी भी ली जा सकती है। इसके द्वारा स्मार्टफोन के पासवर्ड, कांटेक्ट लिस्ट, टेक्स्ट मैसेज और लाइव वॉइस कॉल आदि हर चीज की जानकारी के साथ-साथ ऐसा भी मानना है कि यह सॉफ्टवेयर ईमेल, लोकेशन ट्रैकिंग, डिवाइस सेटिंग, ब्राउजिंग हिस्ट्री की भी जासूसी कर सकता है। इस सॉफ्टवेयर की एक और खासियत है कि यह फोन में इंस्टॉल होने के बाद किसी भी तरह का नेटवर्क डाटा, बैटरी खपत, मेमोरी स्पेस आदि किसी भी तरह से फोन पर कोई भी प्रभाव नहीं डालता। एक विदेशी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी रिपोर्ट के अनुसार भारत ने इस स्पाइवेयर को 2017 में 2 बिलियन डॉलर की रक्षा डील में इजराइल से खरीदा था। विश्व के कुछ मीडिया समूहों ने 2021 में बताया था कि दुनिया के बहुत सारे देशों की सरकारों ने पेगासस का इस्तेमाल पत्रकारों, विरोधी दलों, व्यापारियों आदि की जासूसी के लिए किया है। भारत में भी 'द वायर' द्वारा की गई जांच में खुलासा किया गया है कि भारत में इस मेल वेयर का इस्तेमाल कांग्रेस नेता राहुल गांधी, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर, पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा, सूचना मंत्री अश्वनी वैष्णव आदि की जानकारी हेतु किया गया है। इसके जवाब में मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि द वायर की रिपोर्ट भारतीय लोकतंत्र को बदनाम करने का प्रयास था।