दिल्ली समेत देशभर में हो रही बिजली कटौती का असर मेट्रो पर नहीं पड़ेगा, ये रही वजह
दिल्ली समेत देशभर में हो रही बिजली कटौती का असर मेट्रो पर नहीं पड़ेगा।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दिल्ली समेत देशभर में हो रही बिजली कटौती का असर मेट्रो पर नहीं पड़ेगा। मेट्रो को जितनी बिजली यूनिट की जरूरत पड़ती है उसका 50 फीसदी सौर ऊर्जा से पूरी की जाती है। मेट्रो प्रबंध निदेशक विकास कुमार ने कहा कि पूरी दिल्ली को जितनी बिजली की जरूरत होती है उसमें से मेट्रो को सिर्फ दो फीसदी बिजली की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसी स्थिति आई तो हमारे पास बैटरी, सब स्टेशन और जेनरेटर जैसी व्यवस्था मौजूद हैं।
मेट्रो के मुताबिक दिल्ली मेट्रो को रोजाना 30 लाख यूनिट बिजली यानि 300 मेगावाट बिजली की जरूरत पड़ती है। हमें 200 मेगावाट बिजली दिल्ली, उत्तर प्रदेश व हरियाणा की कंपनियों से मिलती है। वहीं, 149 मेगावाट सौर ऊर्जा से मिलती है। इसमें 99 मेगावाट रीवा के सौर ऊर्जा संयंत्र से मिलती है, जबकि 50 मेगावाट मेट्रो खुद अपने मेट्रो स्टेशनों और डिपो की छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाकर उत्पादन करती है। मेट्रो के ऊपर बिजली कटौती का कोई असर नहीं है।
दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने मंगलवार को मेट्रो के 28वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहा कि दिल्ली को मजबूत सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था देने के लिए अगले कुछ महीने में हमें मिलकर काम करना होगा। उन्होंने परिवहन आयुक्त, मेट्रो प्रबंध निदेशक को इस दिशा में काम करने का सुझाव भी दिया। मुख्य सचिव ने कहा कि लोग मजबूरी में निजी वाहन से चलते हैं। अगर मजबूत सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था, लास्ट माइल कनेक्टविटी दें तो वे वाहन छोड़ने को तैयार हैं।
उदहारण देकर समझाया
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि उन्होंने 620 रूट नंबर की बस चलाई। तब खूब आलोचना हुई मगर उसके चलने से मेट्रो के परिचालन निदेशक राजकुमार ने छतरपुर से बस से आना शुरू कर दिया। इस मौके पर मनोज जोशी ने मुख्य सचिव के सुझावों का समर्थन किया। इस मौके पर केंद्रीय शहरी विकास सचिव मनोज जोशी, मेट्रो प्रबंध निदेशक विकास कुमार समेत अन्य मौजूद रहे।