सीमा पार आतंकवाद वैश्विक चुनौती बन गया है, रक्षा साधनों के आधुनिकीकरण की है आवश्यकता - लोक सभा अध्यक्ष
नई दिल्ली, (आईएएनएस)| लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सीमा पार आतंकवाद को वैश्विक चुनौती बताने के साथ ही साइबर युद्ध, ड्रग्स, हथियार, मनी-लॉन्ड्रिंग जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए रक्षा साधनों के आधुनिकीकरण की आवश्यकता पर भी बल दिया है।
लोक सभा अध्यक्ष बिरला ने गुरुवार को संसद भवन परिसर में राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय नई दिल्ली के 63वें पाठ्यक्रम के सदस्यों को संबोधित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि भारत राष्ट्रीय सुरक्षा को हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता देता आया है और रक्षा क्षेत्र ने इसमें प्रमुख भूमिका निभाई है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत आज वैश्विक प्रगति, विकास, समृद्धि, शांति और स्थिरता में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। ऐसे समय में जब राष्ट्रीय सुरक्षा परि²श्य जटिल होता जा रहा है, सीमा पार आतंकवाद एक वैश्विक चुनौती बन गया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि साइबर युद्ध, ड्रग्स, हथियार, मनी-लॉन्ड्रिंग जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए नवाचार के माध्यम से रक्षा क्षमता के आधुनिकीकरण की आवश्यकता है।
लोक सभा अध्यक्ष ने आगे कहा कि भारत का युद्ध का एक लंबा इतिहास रहा है और हमारे पास सैन्य रणनीति की एक समृद्ध विरासत है। चाणक्य का उल्लेख करते हुए, बिरला ने कहा कि उनके द्वारा सिखाए गए युद्ध, कूटनीति और भावी रणनीति आदि के सिद्धांत आज भी राजनयिक संबंधों की पहचान हैं।
भारत के रक्षा क्षेत्र में हाल के घटनाक्रमों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि मजबूत भारत के लिए एक मजबूत सेना बनाने के लिए हमने पिछले कुछ वर्षों के दौरान अपने रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में पहल करते हुए एक मजबूत सैन्य नींव रखी है। रक्षा औद्योगिक कॉरिडॉर के निर्माण से लेकर विनिर्माण तंत्र के लिए आपूर्ति श्रृंखला बनाने, आयात पर निर्भरता कम करने से लेकर रक्षा निर्यात बढ़ाने तक और उच्च बजटीय आवंटन से लेकर 'मेक इन इंडिया' के माध्यम से स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देने तक भारत ने हर स्तर पर तेजी से प्रगति की है।
बिरला ने रक्षा क्षेत्र में युवा प्रतिभाओं को शामिल किए जाने की नई नीति की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के उपायों से हमारी सैन्य क्षमता और मजबूत होगी। अधिक से अधिक संख्या में लड़कियों के रक्षा बलों में शामिल होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बिरला ने कहा कि यह राष्ट्र के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और समर्पण को दर्शाता है।
बिरला ने रक्षा संबंधी संसदीय स्थायी समिति की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि यह समिति निर्वाचित प्रतिनिधियों और रक्षा बलों के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करती है। एक संसदीय प्रहरी के रूप में, समिति रणनीतिक, साइबर खतरों और रक्षा बलों की ड्रोन-विरोधी क्षमताओं सहित हाइब्रिड युद्ध के लिए सशस्त्र बलों की तैयारियों का आकलन, महत्वपूर्ण अनुसंधान पहलों, रक्षा उपकरणों के घरेलू उत्पादन के आकलन, रक्षा बलों का आधुनिकीकरण आदि जैसे विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर विचार कर रही है।
--आईएएनएस