पिछले 3 सालों में केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के 177 जवान शहीद हुए: नित्यानंद राय

Update: 2022-12-21 15:01 GMT
नई दिल्ली, (आईएएनएस)| वामपंथी उग्रवाद क्षेत्रों सहित सीमा सुरक्षा में लगे केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और असम राइफल्स के 177 जवान पिछले 3 सालों में शहीद हुए हैं। इनमें सबसे ज्यादा जवान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के हैं। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में ये जानकारी दी है।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि पिछले 3 सालों यानी 2019 से 2021 के दौरान ड्यूटी पर तैनात केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और असम राइफल्स के 177 जवान शहीद हुए हैं। इनमें सबसे ज्यादा 98 जवान सीआरपीएफ के हैं। आंकड़ों के मुताबिक साल 2021 में 38 जवान शहीद हुए, तो वहीं साल 2020 में 43 और 2019 में 96 जवान शहीद हुए थे।
मंत्री ने बताया कि ड्यूटी के दौरान अपने जीवन का बलिदान देने वाले केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल और असम राइफल्स के कार्मिकों के निकटतम संबंधियों को कई तरह के लाभ भी प्रदान किए जा रहे हैं। इनमें 25 लाख रुपए से 45 लाख रुपए तक एकमुश्त केन्द्रीय अनुग्रह मुआवजा, केन्द्रीय सिविल सेवा (असाधारण पेंशन) नियमावली, 1939 के अंतर्गत उदारीकृत पारिवारिक पेंशन अन्य सभी सामान्य लाभ यथा, मृत्यु सह सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी (डीसीआरजी) छुट्टी नकदीकरण, केन्द्रीय सरकार कर्मचारी सामूहिक बीमा योजना (सीजीईजीआईएस) सामान्य भविष्य निधि शामिल है।
गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि निकटतम संबंधियों को कुछ लाभों जैसे हवाई और रेल यात्रा भाड़े में छूट तथा रिटेल पेट्रोलियम आउटलेट के आवंटन के लिए पात्र बनाने हेतु ऑपरेशनल कैजुअल्टी प्रमाण पत्र जारी करना, एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु उनके बच्चों के लिए कोटा, प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत बालिकाओं के लिए 3000 रुपए प्रति आदि शामिल है।
--आईएएनएस
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