Covid-19: शोध में हुआ खुलासा, लॉकडाउन के चलते युवाओं ने व्यायाम करना किया कम वहीं बुजुर्गो में दिखा ज्यादा कसरत करने का आदत

शोधकर्ताओं ने 5,395 ब्रिटेन के लोगों के स्मार्टफोन एप में जीपीएस का उपयोग करके यह अध्ययन किया।

Update: 2020-10-27 10:05 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना महामारी के सबसे ज्यादा खतरे में रहने वाले बुजुर्ग ही अपनी सेहत को लेकर सबसे ज्यादा सजग रहे हैं। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के वैज्ञानिक अध्ययन से इस बात का पता लगा है। शोधकर्ताओं ने पाया कि तालाबंदी होने पर युवाओं ने व्यायाम करना कम कर दिया जबकि बुजुर्ग ज्यादा कसरत करने लगे।

शोध में पाया गया कि तालाबंदी शुरू होने के बाद करीब दो-तिहाई आबादी ने टहलना, दौड़ना और व्यायाम करना कम कर दिया था। युवाओं ने शारीरिक गतिविधियां कम कर दीं जबकि बुजुर्ग ज्यादा सक्रिय हो गए। यह अध्ययन 14 से 93 तक की उम्र के लोगों के बीच व्यायाम की आदतों में आए बदलाव को लेकर किया गया। शोधकर्ताओं ने 5,395 ब्रिटेन के लोगों के स्मार्टफोन एप में जीपीएस का उपयोग करके यह अध्ययन किया।

पाबंदी हटते ही और सक्रिय हुए बुजुर्ग

शोध में पाया कि कोरोना प्रतिबंधों के दौरान बुजुर्ग सक्रिय रहे और पाबंदी हटते ही वे और सक्रिय हो गए। इसके पीछे एक बड़ा कारण इसे भी माना जा रहा है कि कोरोना वायरस से बुजुर्गों को सबसे ज्यादा खतरा है।

व्यायाम की अवधि 37% घटी

पहले पूर्ण लॉकडाउन के दौरान लोगों के व्यायाम करने की अवधि 37% घट गई। वे तब सप्ताह में मात्र 57 मिनट ही व्यायाम करने लगे। ब्रिटेन का स्वास्थ्य विभाग किसी वयस्क को हर सप्ताह 75 से 150 मिनट व्यायाम करने की सलाह देता है।

जिम बंद होने का नुकसान

शोधकर्ता हन्ना मैकार्थी ने पाया कि युवाओं में व्यायाम करने की आदत छूटने का बड़ा कारण जिम बंद होना रहा। कोरोना से पहले युवा बहुत लंबे वक्त तक घर तक सीमित नहीं रहे, तालाबंदी के दौरान उनकी स्फूर्ति खत्म हुई। हालांकि, तालाबंदी में ढील मिलते ही युवाओं की सक्रियता भी बढ़ गई, हालांकि वह कोरोना के पूर्व के स्तर पर नहीं पहुंची है। 

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