कोरोना वैक्सीन: मुश्किल में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, मौत का मामला अदालत पहुंचा
MRI स्कैन में दिखाया गया था कि उनके दिमाग में खून के कई थक्के और हैमरेज है।
नई दिल्ली: AstraZeneca के साइड इफेक्ट्स का मुद्दा चर्चा में है। इसी बीच खबर है कि अब एक परिवार बेटी की मौत को लेकर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया यानी SII को कोर्ट पहुंच गया है। कहा जा रहा है कि कोविशील्ड का पहला डोज लेने के कुछ दिनों बाद ही महिला की मौत हो गई थी। हाल ही में एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया है कि उनकी वैक्सीन से रेयर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में जब कोविड आया, तब 18 की रितैका श्री ओमत्री ने मई में कोविशील्ड का पहला डोज लिया था। हालांकि, सात दिनों के अंदर उन्हें तेज बुखार आया और चलने में दिक्कत होने लगी थी। रिपोर्ट के अनुसार, MRI स्कैन में दिखाया गया था कि उनके दिमाग में खून के कई थक्के और हैमरेज है। दो सप्ताह के अंदर महिला की मौत हो गई थी।
महिला के पैरेंट्स को मौत की असली वजह की जानकारी नहीं थी और उन्होंने इस संबंध में RTI दाखिल की। दिसंबर 2021 में दाखिल आरटीआई से उन्हें पता चला कि महिला 'थ्रोम्बोसाइटोपीनिया सिंड्रोम के साथ थ्रोम्बोसिस' से जूझ रही थीं और उनकी मौत 'वैक्सीन प्रोडक्ट से जुड़े रिएक्शन की वजह से हुई थी।'
खबर है कि ऐसी ही एक घटना जुलाई 2021 में हुई थी। उस दौरान वेणुगोपाल गोविंदन नाम के शख्स के बेटी करुण्या की मौत वैक्सीन लेने के एक महीने बाद हो गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, नेशनल कमेटी ने पाया था कि इस बात के पर्याप्त सबूत नहीं है कि महिला की मौत वैक्सीन की वजह से हुई थी।
खास बात है कि कोविशील्ड को एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने मिलकर तैयार किया। इसे भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने डेवलप किया था और बड़े स्तर पर देश में लोगों को लगाई गई थी। ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोविड वैक्सीन को दुनिया के कई देशों में 'Covishield' और 'Vaxzevria' के नाम से लगाया गया था।