उदय कोटक ने अर्थव्यवस्था के सुधार के लिए दिया सुझाव, कहा- ज्यादा नोट छापे सरकार

कोरोना काल के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हो रही है

Update: 2021-05-27 18:27 GMT

कोरोना काल के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हो रही है. कुछ सेक्टर्स की हालत इतनी खराब है कि उनमें काम करने वालों के रोजगार छिन गए हैं. जबकि कई लोगों की रोजी-रोटी खतरे में है. ऐसे में व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कोटक महिंद्रा बैंक के चेयरमैन और एमडी उदय कोटक (Uday Kotak ) ने सरकार को कुछ सुझाव दिए हैं. उनके मुताबिक इस समय नोटों की छपाई के जरिए ही समस्या हल हो सकती है.

उदय कोटक ने कहा, "मेरे विचार से सरकार के लिए ये समय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मदद से अपनी बैलेन्स शीट बढ़ाने का है. आरबीआई को इसके लिए और अधिक नोटों की छपाई करने की जरुरत है. अगर हम इस समय ये नहीं करेंगे तो कब करेंगे.
गरीबों को दी जाए मदद
कोरोना के चलते आर्थिक रूप से कमजोर लोगों पर बोझ पड़ गया है. रोजी-रोटी के जरिए बंद होने की वजह से घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है. ऐसे में इसे सुधारने के लिए उदय कोटक ने कहा कि गरीब वर्गों तक सहायता पहुंचाई जाए. साथ ही उन लोगों की मदद की जाए जिनके पास सबसे कम साधन उपलब्ध हैं.
उदय कोटक ने कहा कि गरीबों के खातों में डायरेक्ट कैश ट्रांसफर करने के लिए सरकार को जीडीपी का एक प्रतिशत या एक लाख से दो लाख रुपए खर्च करने होंगे. इससे गरीबी रेखा से नीचे रह रहे लोगों में भी उपभोग करने की क्षमता को बढ़ावा मिल सकेगा. इसके अलावा उन्हें मेडिकल सहायता भी दिए जाने की आवश्यकता है.
कोरोना प्रभावित क्षेत्रों पर हो फोकस
जिन सेक्टरों में कोरोना महामारी के चलते बेहद ज्यादा असर पड़ा है उन्हें भी आर्थिक सहायता प्रदान की जानी चाहिए. जिस से उनमें काम करने वाले लोगों की नौकरी पर कोई असर ना पड़े. महामारी के चलते देश में बिजनेस की दो कैटेगरी बन गई है. एक वो जिन पर कोविड के चलते कम असर पड़ा है. दूसरे वो बिजनेस है जिन्हें अपनी संरचना में चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए सरकार को छोटे एवं मध्यम कारोबारियों का समर्थन करने के लिए एक और आर्थिक पैकेज लाने की जरूरत है. इस दौरान उन्होंने छोटे कारोबारियों को दिए जाने वाले लोन की रकम को 3 लाख करोड़ रुपए से बढ़ाकर 5 लाख करोड़ रुपए किए जाने की भी बात कही.


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