PFRDA को ज्यादा मजबूत रेग्युलेटर बनाने की तैयारी, जानिए कैसे होगा आपको और ज्यादा फायदा
सरकार PFRDA कानून में बदलाव करना चाहती है. इसका मकसद रेग्युलेटर को ज्यादा शक्ति प्रदान करना है. माना जा रहा है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सरकार पेंशन के नियमों में बदलाव की तैयारी में पूरी तरह जुट गई है. नए नियम के तहत PFRDA (पेंशन फंड रिग्युलेटर एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी) को यह अधिकार होगा कि वह अपने अपने सब्सक्राइबर्स को ज्यादा फ्लेक्सिबिलिटी प्रदान करे. नए नियम के लागू होने के बाद पेंशन फंड से निकासी संबंधी नियमन आसान हो जाएंगे.
इस बिल को लेकर कमिटी ऑफ सेक्रेटरीज की महीनों से चर्चा हो रही है. माना जा रहा है कि नए नियम में नेशनल पेंशनल सिस्टम ट्रस्ट को भी PFRDA से अलग कर दिया जाएगा. इस बिल का मकसद रेग्युलेटर को ज्यादा शक्ति प्रदान करना है. उसे पेनाल्टी वसूलने को लेकर भी अधिकार होगा. साथ ही वह इस बात को भी ध्यान रखेगा कि इंश्योरेंस सेक्टर के लिए फॉरन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट यानी FDI 74 फीसदी से ज्यादा नहीं हो.
NPS को ज्यादा आकर्षक बनाने की तैयारी
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार इस बदलाव की मदद से NPS यानी नेशनल पेंशन सिस्टम को ज्यादा अट्रैक्टिव बनाना चाहती है. इसमें एनपीएस सब्सक्राइबर्स के पास निकासी को लेकर अधिक विकल्प दिए जाएंगे. वर्तमान नियम के मुताबिक एनपीएस सब्सक्राइबर रिटायरमेंट के समय कॉर्पस का अधिकतम 60 फीसदी ही एकसाथ निकासी कर सकता है. बकाया 40 फीसदी उसे एन्युनिटी में डालना होता है जिससे मंथली इनकम आती है.
एन्युनिटी को लेकर मिलेंगे बेहतर और ज्यादा विकल्प
रिपोर्ट के मुताबिक अभी अन्य विकल्पों पर फैसला नहीं लिया गया है, लेकिन यह संभव है कि PFRDA ऐसी स्कीम पर काम करे जिसमें इंफ्लेशन इंडेक्स को शामिल किया जाए. वर्तमान में EPFO की तरफ से भी पेंशन स्कीम चलाई जाती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि नियमन में बदलाव के बाद PFRDA ईपीएफओ पेंशन स्कीम को रेग्युलेट नहीं करेगी.
अभी NPS से निकासी को लेकर क्या है नियम
वर्तमान नियमन के मुताबिक, अगर किसी एनपीएस सब्सक्राइबर्स का फंड रिटायरमेंट तक 2 लाख रुपए या इससे ज्यादा है तो उनके लिए इंश्योरेंस कंपनियों से एन्युटी खरीदना अनिवार्य है. सब्सक्राइबर्स रिटायरमेंट फंड से अधिकतम 60 फीसदी ही एकमुश्त निकाल सकता है. बाकी बचे 40 फीसदी से एन्युटी खरीदना जरूरी है. एनपीएस सब्सक्राइबर्स पूरी अवधि के दौरान केवल तीन बार ही निकासी कर सकते हैं. इस तरह की सभी निकासी इनकम टैक्स फ्री है.