इतिहास का सबसे बड़ा टैक्स कलेक्शन, अग्रिम कर भुगतान में 41 प्रतिशत की वृद्धि

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Update: 2022-03-17 17:15 GMT

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन जे बी महापात्र ने कहा है कि आयकर विभाग अपने इतिहास का 'ऊंचा' कर संग्रह दर्ज किया है. देश में चालू वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष कर संग्रह में 48 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इसमें अग्रिम कर संग्रह के आंकड़ों से मदद मिली है. चालू वित्त वर्ष में अग्रिम कर भुगतान में 41 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

महापात्र ने कहा कि आज की तारीख तक शुद्ध रूप से प्रत्यक्ष कर संग्रह 13.63 लाख करोड़ रुपये रहा है. एक साल पहले समान अवधि की तुलना में यह 48 प्रतिशत अधिक है. उन्होंने कहा कि सालाना आधार पर शुद्ध संग्रह 2020-21 की समान अवधि से 48.4 प्रतिशत अधिक है. 2019-20 की तुलना में यह 42.5 प्रतिशत और 2018-19 की तुलना में 35 प्रतिशत अधिक है. महापात्र ने कहा, 'यह पिछले सबसे ऊंचे आंकड़े से 2.5 लाख करोड़ रुपये ज्यादा है. विभाग के इतिहास में यह आयकर संग्रह का सबसे ऊंचा आंकड़ा है.' सीबीडीटी आयकर विभाग के लिए नीति बनाता है.
चालू वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष कर संग्रह में 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. यह महामारी-पूर्व 2019-20 के 9.56 लाख करोड़ रुपए के मुकाबले 35 प्रतिशत अधिक है. इसमें व्यक्तिगत आय पर कर, कंपनियों को होने वाले लाभ पर कर, संपत्ति कर और उत्तराधिकार कर और उपहार कर शामिल हैं. प्रत्यक्ष कर संग्रह 2021-22 के बजट में निर्धारित 11.08 लाख करोड़ रुपए के लक्ष्य से कहीं अधिक है. इतना ही नहीं यह एक फरवरी को पेश 2022-23 के बजट में संशोधित अनुमान 12.50 लाख करोड़ से भी अधिक है.
अग्रिम कर संग्रह 40.75 प्रतिशत बढ़कर 6.62 लाख करोड़ रुपए रहा. इसकी चौथी किस्त जमा करने की अंतिम तिथि 15 मार्च थी. वहीं चालू वित्त वर्ष में कर वापसी (रिफंड) के रूप में कुल 1.87 लाख करोड़ रुपए जारी किए गए हैं.
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