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शोधकर्ताओं ने बताया बेस्ट स्लीप टाइम, सोने के समय से जुड़ी है दिल की सेहत

Neha Dani
10 Nov 2021 10:01 AM GMT
शोधकर्ताओं ने बताया बेस्ट स्लीप टाइम, सोने के समय से जुड़ी है दिल की सेहत
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लोग ज्यादा पीडि़त हुए जो आधी रात या उसके बाद सोने गए।

सही समय पर सोने जाना और पर्याप्त नींद लेना अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। यह हमारे शरीर और मस्तिष्क को चंगा रखने का काम करता है। यह भी कहा जाता है कि स्वस्थ रहने के लिए जल्दी सोने और सुबह जल्दी उठने की आदत डालनी चाहिए। अब इस संबंध में एक और महत्वपूर्ण बात सामने आई है, जिसमें नींद के समय का संबंध दिल की सेहत से बताया गया है। दरअसल, शोधकर्ताओं ने अध्ययन के आधार पर यह दावा किया है कि रात में 10 बजे से 11 बजे के बीच सोने जाने से हृदय रोगों के होने का जोखिम कम हो जाता है। शोधकर्ताओं के एक अंतरराष्ट्रीय दल ने अपने अध्ययन में बताया कि 10 से 11 बजे के बीच सोने जाने वाले लोगों में इससे पहले या बाद में सोने जाने वालों की तुलना में हृदय रोगों से जुड़े खतरों की आशंका कम हो जाती है। यह अध्ययन यूरोपियन सोसाइटी आफ कार्डियोलाजी (ईएससी) के जर्नल यूरोपियन हार्ट जर्नल-डिजिटल हेल्थ में प्रकाशित हुआ है।

ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी आफ एक्सेटर में कार्यरत और इस अध्ययन के लेखक डा. डेविड प्लांस के मुताबिक, हमारे शरीर में 24 घंटे की एक आंतरिक घड़ी होती है, जिसे सर्कडियन लय कहा जाता है। यह आंतरिक घड़ी ही हमारे शारीरिक और मानसिक कामकाज को विनियमित करने में मदद करती है। हालांकि, हम अपने अध्ययन से इसके कार्य का निष्कर्ष नहीं निकाल सकते हैं, लेकिन परिणाम बताते हैं कि जल्दी या देर से सोने से शरीर की घड़ी के बाधित होने की आशंका अधिक हो सकती है, जिससे हृदय के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। बता दें कि कई विश्लेषणों में नींद की अवधि और हृदय रोगों के बीच संबंध की जांच की गई है, लेकिन अभी तक सोने जाने के समय और हृदय रोगों के संबंध का पता नहीं चल सका। इस नवीन अध्ययन में इसी संबंध का पता लगाने का प्रयास किया गया है। इसमें बड़ी संख्या में वयस्कों की रिपोर्ट को शामिल किया गया, जिसमें नींद की शुरुआत और हृदय रोगों के बीच संबंध का पता लगाया गया।
इस तरह किया अध्ययन
इस अध्ययन में यूके बायोबैंक में 2006 और 2010 के बीच भर्ती किए गए 88,026 व्यक्तियों को शामिल किया गया था। इनकी औसत आयु 61 वर्ष (43 से 79 वर्ष के बीच के व्यक्ति शामिल थे) थी और इनमें 58 प्रतिशत महिलाएं थीं। कलाई में पहने जाने वाले एक्सेलेरोमीटर का उपयोग करके सात दिनों में सोने की शुरुआत और जागने के समय का डाटा एकत्र किया गया। इसके अलावा प्रतिभागियों की जीवनशैली, स्वास्थ्य और शारीरिक स्थिति का पता लगाने के साथ एक प्रश्नावली भरवाई गई।
यह आया सामने
शोधकर्ताओं ने पांच साल सात महीने तक निगरानी की और सामने आया कि 3,172 प्रतिभागियों (3.6 प्रतिशत) में हृदय संबंधी बीमारियां देखने को मिली। 10 बजे से 10.59 बजे के बीच सोने जाने वालों की तुलना में वे लोग ज्यादा पीडि़त हुए जो आधी रात या उसके बाद सोने गए।


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