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मंगलवार को लगी पहली डोज, रूस के राष्ट्रपति पुतिन को कोरोना वैक्सीन से साइड इफेक्ट

Apurva Srivastav
28 March 2021 5:38 PM GMT
मंगलवार को लगी पहली डोज, रूस के राष्ट्रपति पुतिन को कोरोना वैक्सीन से साइड इफेक्ट
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रूस (Russia) के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) को कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) के कारण मामूली साइड इफेक्ट का सामना करना पड़ा है

रूस (Russia) के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) को कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) के कारण मामूली साइड इफेक्ट का सामना करना पड़ा है. उन्होंने मंगलवार को पहली डोज ली थी. इस बात की जानकारी एक टीवी इंटरव्यू के हवाले से इंटरफैक्स न्यूज एजेंसी ने दी है. उन्होंने स्थायी Rossiya 1 टीवी चैनल से कहा है, 'मैं वैक्सीन की अगली सुबह उठा और मुझे मांसपेशियों में हल्का दर्द महसूस हुआ. मैंने थर्मामीटर लिया… मेरा तापमान सामान्य था.'

पुतिन ने यह भी कहा कि उन्हें जिस स्थान पर इंजेक्शन लगा है, वहां वो असहज महसूस कर रहे हैं. हालांकि पुतिन ने ये नहीं बताया कि उन्होंने तीन रूसी वैक्सीन में से कौन सी वैक्सीन लगवाई है (Coronavirus Vaccine Russia Effectiveness). उन्होंने कहा कि इस बात की जानकारी केवल उन्हें वैक्सीन देने वाले डॉक्टर को ही है. रूसी राष्ट्रपति के कार्यालय क्रेमलिन ने पुतिन के कोरोना के खिलाफ वैक्सीन लगवाने के फैसले की दिसंबर महीने में ही घोषणा की थी.
अधिकतर लोग स्पूतनिक वी के खिलाफ
पुतिन का कहना है कि तीनों रूसी वैक्सीन काफी प्रसिद्ध हैं और व्यापक रूप से उपलब्ध भी हैं. इनमें से एक वैक्सीन का नाम स्पूतनिक वी है. इंडिपेंडेंट पोल्सटर लेवाडा सेंटर के अनुसार, रूस के दो तिहाई लोग स्पूतनिक वी वैक्सीन नहीं लेना चाहते हैं. इनमें अधिकतर लोगों ने इसके पीछे की वजह वैक्सीन के कारण होने वाले साइड इफेक्ट को बताया है (Coronavirus in Russia Latest Update). रूस ने कोरोना वायरस महामारी से लड़ाई के लिए अपने टीकाकरण अभियान की शुरुआत दिसंबर महीने में की थी.
43 लाख को मिली दोनों डोज
पुतिन ने बीते सोमवार कहा था कि 14.44 करोड़ लोगों में से 43 लाख लोगों को अभी तक वैक्सीन की दोनों डोज मिल गई हैं. यहां अभी तक कोरोना वायरस के 45 लाख मामले सामने आए हैं (Coronavirus Vaccination in Russia). राष्ट्रपति का कहना है कि उन्हें इस बात की उम्मीद है कि रूस हर्ड इम्युनिटी हासिल कर लेगा और वह गर्मियों के अंत में महामारी से संबंधित प्रतिबंध हटा देंगे.
क्या है हर्ड इम्युनिटी?
हर्ड इम्युनिटी (Herd immunity) उस स्थिति को कहते हैं जिसमें पर्याप्त संख्या में लोगों में इम्युनिटी आ जाती है, जिससे बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है. चूंकी अब कोरोना वायरस एक बार फिर बढ़ रहा है इसलिए कुछ वैज्ञानिकों को ऐसी उम्मीद है कि हर्ड इम्युनिटी तभी हासिल की जा सकती है, जब 50 से 70 फीसदी आबादी में बीमारी से लड़ने की ताकत हो


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