बीते लंबे समय से पूरी दुनिया कोरोना वायरस महामारी से मुकाबला कर रही है. यह मुसीबत अभी दुनिया से टली नहीं और एक नया वायरस आ चुका है. मंकी पॉक्स वायरल चिकन पॉक्स की तरह पूरे शरीर पर चकत्ते तेज बुखार और दर्द के साथ होता है. लेकिन दोनों में काफी अंतर है. ब्रिटेन में मंकीपॉक्स वायरस का एक मामला देखा गया है. बताया जा रहा है कि ये संक्रमण चूहे जैसे जीवों के जरिए इंसानों में पहुंचता है. आइए जानते हैं इसके खतरे, लक्षण और इससे बचने के उपाय के बारे में...
कहां से आया Monkeypox का पहला मरीज?
हमारी सहयोगी वेबसाइट WION की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन में मंकीपॉक्स वायरस का एक मामला सामने आया है. आपको बता दें कि इस व्यक्ति को इस वायरस का संक्रमण हुआ है, वह नाइजीरिया से ब्रिटेन पहुंचा था. वैसे मंकीपॉक्स कोई नहीं बीमारी नहीं लेकिन यह एक असामान्य बीमारी जरूर है.
क्या है मंकीपॉक्स वायरस
अगर मंकीपॉक्स वायरस के बारे में बात करें तो यह पॉक्सविरिडे परिवार के ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस का सदस्य है. वेरियोला वायरस (जो चेचक का कारण बनता है), वैक्सीनिया वायरस (चेचक के टीके में प्रयुक्त होने वाला) और काउपॉक्स वायरस सभी ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस के सदस्य हैं. यानी यह चेचक से मिलती-जुलती एक बीमारी है. आपको बता दें कि इस बीमारी को पहली बार 1958 में पाया गया था. यह उस दौरान हुआ जब चिकन पॉक्स का इलाज खोजने का अध्ययन किया जा रहा था. उस समय उपयोग किए जाने वाले बंदरों में चेचक जैसी बीमारी का प्रकोप देखा गया था.
क्या हैं मंकीपॉक्स के लक्षण
यह बीमारी चेचक के तरह ही है, लेकिन यह चेचक से कम खतरनाक है. इसमें बुखार, सिर दर्द मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, लिम्फ नोड्स में सूजन, ठंड लगना, और थकावट के साथ शुरू होती है. इस संक्रमण में तेज बुखार 1 से 3 दिनों के बीच होता है. रोगी के शरीर पर चकत्ते हो जाते हैं, जो चेहरे से शुरू होकर शरीर के अन्य भागों में फैलने लगते हैं.