विज्ञान

दुनिया के कई देशों की राजधानियां है Smog से परेशान...एशियाई देश प्रमुख

Gulabi
14 Oct 2020 11:21 AM GMT
दुनिया के कई देशों की राजधानियां है Smog से परेशान...एशियाई देश प्रमुख
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ठंड का मौसम आने से पहले ही दिल्ली एक बार फिर स्मॉग की चपेट में आ गया है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ठंड का मौसम आने से पहले ही दिल्ली (Delhi) एक बार फिर स्मॉग की चपेट में आ गया है. इस मौसम के आते आते दिल्ली की आबोहवा इतनी खराब हो जाती है कि यहां सांस लेना तक मुश्किल हो जाता है. ऐसी हालत दिल्ली जैसे शहर ही में नहीं होती है, बल्कि दुनिया के कई देश हैं जिन्हें हर साल स्मॉग का सामना करना पड़ता है इसमें दुनिया भर में फैल रहा वायु प्रदुषण को प्रमुख तौर पर जिम्मेदार माना जाता है..

आईक्यूएयर की वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल दिल्ली (Delhi) में 2.5 पर्टिकुलेट मैटर (PM) के लिहाज से दुनिया (World) की राजधानियों में सबसे ज्यादा मात्रा में प्रदूषण (Pollution) पाया गया था. यह मात्रा 98.6 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दिल्ली में हर साल दिवाली के आसपास के दिनों में स्मॉग का असर दिखने लगता है जो करीब करीब पूरे ठंड के मौसम में रहता है. इसकी वजह प्रदूषण और आसपास के इलाकों में पराली जाने की घटना को माना जाता है.

इस सूची में दूसरा स्थान बांग्लादेश (Bangladesh) का ढाका (Dhaka) शहर है. जहां ढाका का दुनिया की राजधानियों में दूसरे स्थान पर रहा वहीं देशों के लिहाज से बांग्लादेश पहले स्थान पर रहा. ढाका में PM2.5 की मात्रा 83.3 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर थी.

तीसरे स्थान पर मंगोलिया (Mangolia) का उबान बतोर (Ulaanbaatar) शहर है. मंगोलिया की राजधानी देश का सबसे बड़ा शहर है. तूल नदी के किनारे स्थित यह शहर एक बड़ा औद्योगिक केंद्र है. बहुत ही ठंडे इलाके और घाटी में होने से यहां का प्रदूषण एक गंभीर रूप ले लेता है. पिछले साल उबान बतोर में PM2.5 की मात्रा 62.0 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर थी

ऐसा ही कुछ हाल अफगानिस्तान (Afghanistan) के काबुल (Kabul) शहर का है. काबुल में जनसंख्या बहुत ज्यादा है और कई सरकारी अधिकारियों का मानना है कि गृह युद्ध के समय यहां प्रदूषण से मरने वालों की संख्या युद्ध में मारे गए लोगों से ज्यादा थी. पिछले साल काबुल में PM2.5 की मात्रा 58.8 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर थी

पांचवे स्थान पर इंडोनेशिया (Inndonesia) का जकार्ता (Jakarta) शहर है. समुद्र तट के पास होने के बावजूद यहां का यातायात, उद्योग प्रदूषण में सबसे अधिक योगदान देता है, लेकिन इसमें भी पास के ताप बिजली केंद्र से आने वाला प्रदूषण (Pollution) प्रमुख तौर पर जिम्मेदार है. जकार्ता में पिछले साल PM2.5 की मात्रा 49.4 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर थी.

इसके बाद नेपाल (Nepal) का काठमांडू (Kathmandu), वियतनाम का हनोई, बरहीन का मानामा, चीन का बीजिंग और उजबेकिस्तान का ताशकंद शहर क्रमशः छठे से दसवें स्थान पर आते हैं. इस सूची में पहले बीस स्थान पर ज्यादातर एशियाई देशों का कब्जा है. वहीं देशों की सूची में पहले 13 स्थान एशियाई देशों के नाम है.

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