धर्म-अध्यात्म

जानिए मांगलिक होने के फायदे और नुकसान

Tara Tandi
23 July 2022 4:45 AM GMT
जानिए मांगलिक होने के फायदे और नुकसान
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कुंडली में मौजूद ग्रह-नक्षत्र कई बार मनुष्य को चिंता में भी डाल देते हैं. वहीं नवग्रहों का जातक के जीवन पर अनुकूल प्रभाव भी देखने को मिलता है. कुंडली में मौजूद मंगल दोष (Mangal Dosh) के बारे में सुनकर अक्सर लोगों के मन में नकारात्मक विचार और डर बैठ जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर व्यक्ति के लिए मंगल दोष खराब हो यह जरूरी नहीं. कुछ लोगों को मंगल की दशा फायदा भी पहुंचाती है.

ज्योतिष और पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा कई ऐसे फलों के बारे में बता रहे हैं जिनका सकारात्मक असर व्यक्ति के जीवन पर देखने को मिलता है. आइए जानते हैं मंगल दोष के फायदे, नुकसान और उपाय के बारे में.
मांगलिक होने के फायदे और नुकसान
1. मंगल का प्रथम भाव में होना
-ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल प्रथम भाव में है तो उस व्यक्ति के चेहरे पर चमक होती है.
-ऐसे योग के कारण जातक साहसी और पराक्रमी होते हैं.
-वे हर मुश्किल से मुश्किल काम को आसानी से सुलझा सकते हैं.
नुकसान
-प्रथम भाव में मंगल होने से माता और जीवनसाथी से रिश्ते खराब होते हैं.
-मनुष्य के वैवाहिक जीवन में समस्या आती है.
उपाय
-जिस व्यक्ति के प्रथम भाव में मंगल की दशा होती है उसे नियमित रूप से गुड़ का सेवन करना चाहिए, -लाल रंग के कपड़े कम पहनें, लाभ मिलेगा.
2. मंगल का चतुर्थ भाव में होना
-ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल का चतुर्थ भाव में होना कम अशुभ माना जाता है.
-इस दशा में मंगल होने से व्यक्ति बहुत शक्तिशाली और पराक्रमी होता है.
-ऐसे लोग अपनी तरफ सभी को बड़ी ही आसानी से आकर्षित कर सकते हैं.
नुकसान
-चतुर्थ भाव में मंगल होने से वैवाहिक जीवन में तालमेल बैठाने में समस्या आती है.
उपाय
-मंगल की इस दशा के प्रभाव को खत्म करने के लिए नियमित रूप से हनुमान जी की उपासना करनी चाहिए.
3. मंगल का सप्तम भाव में होना
-ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल का सप्तम भाव में होना व्यक्ति के संपत्ति और संपत्ति से संबंधित कार्यों के लिए बेहद लाभकारी होता है.
-सप्तम भाव में मंगल का होना व्यक्ति को उच्च पद और उच्च पद पर रहते हुए अथाह संपत्ति का मालिक बनाता है.
नुकसान
-मंगल का सप्तम भाव में होना वैवाहिक जीवन में हिंसक प्रवृत्ति को दर्शाता है.
-मंगल के इस भाव में होने से व्यक्ति चीजों को लेकर काफी उपद्रवी होता है.
उपाय
-इस दशा के मांगलिक दोष को ख़त्म करने के लिए मंगलवार के व्रत की सलाह दी जाती है.
4. मंगल का अष्टम भाव में होना
-ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस जातक की कुंडली में मंगल अष्टम भाव में होता है. वह बहुत अच्छा शल्य चिकित्सक बन सकता है.
-मंगल की इस दशा के कारण जातक के आकस्मिक धन लाभ के योग बनते हैं.
नुकसान
-मंगल का अष्टम भाव में होना व्यक्ति के वैवाहिक जीवन में अलगाव को दर्शाता है.
-अष्टम भाव का मंगल व्यक्ति को कटु वाणी वाला बनाता है.
-इससे व्यक्ति को पाइल्स और त्वचा से संबंधित परेशानियां भी हो सकती हैं.
उपाय
-इस दशा से मंगल दोष को खत्म करने के लिए सुबह जल्दी उठकर मंगल के मंत्र का पाठ करना चाहिए. -इसके अलावा हर मंगलवार हनुमान जी को चमेली का तेल और सिंदूर अर्पित करना चाहिए.
5. द्वादश भाव में मंगल का होना
-ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल द्वादश भाव में है तो वह सुख और विलास प्रबल कामना करने वाला होता है.
-मंगल की यह दशा भी ज्यादा नकारात्मक नहीं होती.
-मंगल की यह दशा व्यक्ति को अनेक विदेश यात्राएं करवाती है.
नुकसान
-जिस व्यक्ति की कुंडली में मंगल द्वादश भाव में होता है उसका वैवाहिक जीवन अहंकार से भरा होता है.
-इस दशा में मंगल का होना व्यक्ति को किसी भी चीज में संतुष्टि प्राप्त नहीं होने देता.
उपाय
-इस दोष को समाप्त करने के लिए मंगलवार का उपास करना बेहद लाभकारी होता है.
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