धर्म-अध्यात्म

कुंडली में चंद्रमा का दोष बनता है बीमारियों का कारण, होती है डायबिटीज, अनिद्रा, अस्‍थमा की समस्या

Tulsi Rao
15 March 2022 6:02 AM GMT
कुंडली में चंद्रमा का दोष बनता है बीमारियों का कारण, होती है डायबिटीज, अनिद्रा, अस्‍थमा की समस्या
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यदि ग्रहों की दशा ठीक न हो तो व्‍यक्ति इन सब मामलों में मुसीबतें उठाता है और यदि अच्‍छी हों तो शानदार सुखी जीवन जीता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ज्योतिष शास्त्र ग्रह-नक्षत्रों की स्थितियों की गणनाओं के आधार पर स्‍वभाव-व्‍यवहार और भविष्‍य बताता है. ये ग्रह-नक्षत्र हमारे जीवन के हर पहलू पर असर डालते हैं. फिर चाहे वो हमारी सेहत हो, रिश्‍ते-आर्थिक स्थिति, सफलता या सुख-दुख हों. यदि ग्रहों की दशा ठीक न हो तो व्‍यक्ति इन सब मामलों में मुसीबतें उठाता है और यदि अच्‍छी हों तो शानदार सुखी जीवन जीता है.

चंद्रमा के कारण होती है अनिद्रा-तनाव की समस्‍या
ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक कहा गया है. इसके अलावा इसका संबंध मां और मामा से भी होता है. यदि कुंडली में चंद्रमा अशुभ हो तो जातक को मानसिक समस्‍याओं, नींद की कमी, निर्णय लेने में मुश्किल होने जैसी समस्‍याओं से जूझना पड़ता है. वह मानसिक तौर पर अशांत रहता है और आसानी से तनाव का शिकार हो जाता है.
अशुभ चंद्रमा बनाता है इन बीमारियों का शिकार
चंद्रमा कर्क राशि का स्‍वामी है. यह वृषभ में उच्च का और वृश्चिक राशि में नीच का होता है. इसकी मूल त्रिकोण राशि वृषभ है. वहीं इसके मित्र ग्रह सूर्य और बुध हैं. साथ ही शत्रु ग्रह राहु-केतु और सम ग्रह मंगल, गुरु, शुक्र और शनि हैं. चंद्रमा के अशुभ होने की स्थिति में जातक को शरीर में होने वाले जल संबंधी रोग होते हैं. जैसे- मूत्राशय संबंधी रोग होना. इसके अलावा मधुमेह (डायबिटीज), अतिसार (दस्त), अनिद्रा (नींद न आना), नेत्ररोग , विक्षिप्तता (पागलपन), पीलिया, मानसिक पीड़ा, मानसिक थकान, श्वास रोग (दमा), फेफड़ों के रोग हो सकते हैं.
चंद्रमा के अशुभ फल से राहत पाने के उपाय
- यदि चंद्रमा अशुभ हो तो चांदी की अंगूठी में असली मोती धारण करना अच्‍छा होता है लेकिन इसके लिए विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लेना चाहिए.
- इसके अलावा चांदी का चौकोर टुकड़ा अपने जेब में या पर्स में हमेशा रखना भी बहुत अच्‍छे फल देता है.
- चंद्रमा अशुभ हो तो अपनी मां को ज्‍यादा से ज्‍यादा प्रसन्‍न रखें. उनके आशीर्वाद से जीवन में सब ठीक हो जाएगा.
- शुद्ध जल में कच्चा दूध मिलाकर रोजाना शिवलिंग का अभिषेक करें.
- हर पूर्णिमा को चंद्रमा को गाय के दूध की खीर का भोग लगाएं और फिर परिवार सहित खाएं.


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