New Delhi नई दिल्ली : 18वें लोकसभा चुनावों के दौरान अग्निपथ योजना एक अहम मुद्दा बनी रही। सेना में भर्ती की ये नई screem लगातार चर्चा में बनी रही। कांग्रेस ने घोषणा पत्र में दावा किया था कि सत्ता में आने पर अग्नीपथ स्कीम को ही हटा दिया जाएगा। इसकी जगह कांग्रेस ने नई योजना लाने का वादा भी किया था। चुनावों के दौरान इस योजना को लेकर मोदी सरकार पर राहुल गांधी भी हमलावर रहे थे। माना जा रहा है कि एनडीए को hariyana , राजस्थान, पंजाब और यूपी जैसे राज्यों में कम सीटें मिली है जिसका प्रमुख कारण अग्नीपथ योजना भी रही है। इसे लेकर युवाओं में काफी नाराजगी देखने को मिल रही है। वर्ष 2019 के मुकाबले वोट शेयर में भी गिरावट आई है। वहीं इस योजना के विरोध में सरकार के गठन से पहले ही एनडीए का समर्थन कर रहे दलों ने बोलना शुरू कर दिया है। ऐसे में संभावना है कि आने वाले समय में केंद्र सरकार को इस योजना पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है।