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कर्ज बढ़ाना, सुविधाएं छीनना, यही है सुक्खू सरकार की उपलब्धि: जयराम ठाकुर

Shantanu Roy
11 Aug 2024 11:50 AM GMT
कर्ज बढ़ाना, सुविधाएं छीनना, यही है सुक्खू सरकार की उपलब्धि: जयराम ठाकुर
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Shimla. शिमला। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार पूरी तरह से जनविरोधी काम कर रही है। जिन वादों के साथ कांग्रेस सत्ता में आई सारे काम उसके विपरीत किए जा रहे हैं। ऐतिहासिक तेज़ी से क़र्ज़ लेना, लाखों परिवारों से सुविधाएं छीनना, उनके जीवन को संकट में डालना, हज़ारों की संख्या में संस्थान बंद करना सरकार के डेढ़ साल के कार्यकाल की उपलब्धि है। यदि सुक्खू सरकार के कार्यकाल का लेखा जोखा निकाला जाए तो यह प्रदेश के सबसे बुरे प्रदर्शन के तौर पर जाना जाएगा। जब प्रदेश तरक्की करने की बजाय पीछे चला गया। जहां विकास के एक भी काम नहीं हुए। सुक्खू के पूरे कार्यकाल में प्रदेश के विकास की
गति शून्य रही।
जयराम ठाकुर ने कहा कि जितना कर्ज हिमाचल के पूरे इतिहास में लिया गया उसका आधा कर्ज सुक्खू सरकार से मात्र डेढ़ साल के कार्यकाल में ले चुकी है। इसी गति से अगर पांच साल क़र्ज़ लिए तो हिमाचल के आर्थिक स्थिति का क्या हाल होगा, यह कहना मुश्किल है। सुक्खू सरकार सत्ता में आने के बाद से लगभग तीस हज़ार करोड़ का क़र्ज़ ले चुकी हैं। जब सरकार द्वारा हर दिन लोगों को मिलने वाली अत्यंत ही जरूरी सुविधाएं छीनी जा रही है। सहारा जैसी पेंशन लोगों को मिल नहीं रही है। हिमकेयर से इलाज मिल नहीं मिल रहा है, बिजली पानी पर मिलने वाली सब्सिडी सरकार ने बंद कर दी है। सड़क, पुल, नाले अस्पताल, स्कूल बन नहीं रहे हैं। सड़कों का मलबा तक साफ़ नहीं हो रहा है तो ऐसे में यह सवाल उठता है कि सरकार कर्ज में मिलने वाली धनराशि का कर क्या रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को प्रदेश के लोगों को
यह बताना होगा।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सुक्खू सरकार प्रदेश के लोगों के साथ धोखा कर रही है। जिन गारंटियों के नाम पर वह सत्ता में आए, प्रदेश के लोगों को वह दे नहीं पाए लेकिन पूर्व सरकार द्वारा दी गई सुविधाओं को ही छीन लिया। क्या प्रदेश के राजस्व बढ़ाने के इसी तरीके की बात मुख्यमंत्री व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर कर रहे थे? क्या इसी तरह से राजस्व बढ़ाया जाएगा? लोगों से सुविधाएं छीनकर, उनके जान को जोखिम में डाल कर प्रदेश का राजस्व नहीं बढ़ेगा। सुधार करना है तो सरकार अपने स्तर पर करे। सुधार की पहल ख़ुद से होती है। बीमार लोगों से उनके इलाज का हक़ छीन कर या शारीरिक रूप से पूर्णतः अक्षम व्यक्ति की सहारा पेंशन रोककर सरकार द्वारा राजस्व बढ़ाने का तरीक़ा बचकाना भी है और शर्मनाक भी। क्या ऐसे जरूरतमंद लोगों के लिए राज्य की कोई जिम्मेदारी नहीं है। सरकार को राजस्व बढ़ाना है तो सरकार के ऊपर लादे गए बोझ को कम करने से इसकी शुरुआत करनी चाहिए। सरकार में बैठे लोगों का लक्ष्य प्रदेश के लोगों को फैसिलिटेट करना होना चाहिए अपने मित्रों को नहीं। इसलिए सरकार लोगों को दी ज़रूरी सुविधाओं को छीनना बंद करे।
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