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Himalaya उन्नति मिशन ने हिमाचल में मनाया हिमालय दिवस

Shantanu Roy
10 Sep 2024 10:46 AM GMT
Himalaya उन्नति मिशन ने हिमाचल में मनाया हिमालय दिवस
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कांगड़ा। आर्ट ऑफ लिविंग संस्था के संस्थापक व आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर जी के सतत् हिमालय हेतु लिए संकल्प हिमालय उन्नति मिशन के अन्तर्गत राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में हिमालय दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जिला कांगड़ा में स्थित आर्ट ऑफ लिविंग कैलाश आश्रम, रजोल, वार मैमोरियल, बारी, चंबा जिला के दुर्गम क्षेत्र पांगी व शिमला में दस कार्यक्रमों के माध्यम से 1,000 से अधिक लोगों ने इस उपलक्ष्य पर भाग लिया, जिसमें योग, ध्यान के साथ साथ 500 से अधिक औषधीय पौधों का रोपण भी किया गया। हिमालय उन्नति मिशन के कार्यक्रम निदेशक अमित मेहता ने बताया कि, हिमालय उन्नति मिशन के अन्तर्गत हिमालयी राज्यों में हिमालय दिवस को विभिन्न गतिविधियों द्वारा मनाया गया है। इस उपलक्ष्य पर मुख्य अतिथि श्री कुनाल शर्मा ने कांगडा जिला के बारी में शिरकत की, जो रस्सी कूद के माध्यम से हिमालय संरक्षण, नशा मुक्ति व युवा सशक्तिकरण का प्रसार करते रहे हैं और आगामी 22 सितंबर को हिमालय उन्नति मिशन के सहयोग से एक विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए एक घंटे में 14,000 बार
रस्सी कूद करेंगे।

उन्होंने क्षेत्रीय सुगमता केंद्र (राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड – जोगिंदर नगर का विशेष आभार व्यक्त किया, जिनके माध्यम से औषधीय पौधे उपलब्ध करवाए गए। इसके साथ हिमालय उन्नति मिशन की सहयोगी संस्था इरा का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने चंगर क्षेत्र में हिमालय दिवस को प्रभावी तौर सफ़ल बनाने में योगदान दिया। उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय सुगमता केंद्र के माध्यम से हिमाचल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में विशेषकर विद्यालयों में हर्बल गार्डन स्थापित करने की योजना पर भी कार्य हो रहा है, जिसमें 250 से अधिक शिक्षण संस्थानों को सम्मिलित करने का संकल्प हिमालय उन्नति मिशन ने लिया है। इस उपलक्ष्य पर आर्ट ऑफ लिविंग की तरफ़ से कार्यक्रम समन्वयक – पूनम शर्मा, जिला समन्वयक कांगडा, अनु गोयल, जी ई पी समन्वयक देशराज चम्बयाल, डी डी सी मैंबर प्रदीप सिंह कैलाश‌ आश्रम से आशीष जी व टीम, इरा संस्था के निदेशक श्री प्रदीप शर्मा, राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार अवार्डी सुनील धीमान, ग्रामीण पर्यटन विशेषज्ञ श्री बलराम गर्ग, डीडीसी सदस्य, पांगी घाटी के विद्यालय, प्रजा मंडल व स्थानीय महिला संगठन आदि विशेष रुप से मौजूद रहे।
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