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Srichamunda ji. श्रीचामुंडा जी। शिव और शक्ति का निवास मां श्रीचामुंडा जी का परिसर 21वीं सदी में जिस स्थिति में है, किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। 17वीं सदी में निर्मित श्रीचामुंडा जी नंदिकेश्वर धाम आज मानव खासकर सरकारी सिस्टम के रहमोकरम पर है। एशियन डिवेलपमेंट बैंक की सदस्यता से इस परिसर के जीर्णोद्धार और कायाकल्प का कार्य शुरू तो बड़े जोर-शोर से हुआ, पर कुछ महीनों में सारी व्यवस्था हांप गई। आधा-अधूरा निर्माण और कछुआ चाल हर आने वाले सैकड़ों श्रद्धालुओं को निराश कर रही है। काम अभी पूरा होने में वक्त लगेगा, पर जो हुआ भी है।
वह हमारी लापरवाही और निर्माण गुणवत्ता की कलई खोल रहा है। शिव और शक्ति के निवास और उसकी पौराणिकता के साथ ऐसी छेड़छाड़ हुई कि एक तो शिव मंदिर गुफा और उसे जोडऩे वाला सीढ़ीदार रास्ता खत्म कर दिया, दूसरा जो मंदिर की भव्यवता को दर्शाने के लिए जो निर्माण किया गया, उसने क्वालिटी का ऐसा दस्तावेज सामने रखा, उसे हर कोई आसानी से पढ़ रहा है। शिव मंदिर की नवनिर्मित छत बुरी तरह टपक रही है। छत के नीचे बाल्टी और बोरियां से पानी को संभालने की कोशिश हो रही है। मंदिर के गर्भगृह के शिखर की दीवारें पानी रिसने से काली हो रही हैं। शिखर की चिनाई में कई जगह पेड़ उगे हुए हैं, पर सरकारी नियंत्रण में यह परिसर आज खुद को कैद महसूस कर रहा है।
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