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Himachal: दो दिन की छुट्टी के बाद शहर जाम

Shantanu Roy
4 Jun 2024 11:19 AM GMT
Himachal: दो दिन की छुट्टी के बाद शहर जाम
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Solan: सोलन। पिछले दो दिनों की छुट्टी के बाद सोलन में सोमवार का दिन वाहन चालकों के लिए मुसीबत बनकर आया। अपने कामों के चलते जिला मुख्यालय पहुंचे लोगों को सुबह से दोपहर तक शहर के अधिकांश सडक़ों पर जाम का सामना करना पड़ा। सबसे अधिक बुरा हाल शहर का दिल कहे जाने वाले माल रोड का रहा, जहां दोपहर बाद तक वाहन रेंगते ही आगे बढ़े। कुछ ऐसा ही हाल राजगढ़ रोड और सपरून बाइपास मार्ग का भी रहा। हालांकि ट्रैफिक पुलिस कर्मी इस जाम से निपटने के लिए मुस्तैद रहे, लेकिन वाहनों की अत्याधिक आवाजाही के चलते उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ी। शहर में जाम लगना एक बार फिर से आम हो गया है। अब तो आलम यह है कि सोमवार हो या फिर शनिवार दिन में कई मर्तबा शहर की सडक़ों पर जाम लगता ही है, जिस दिन शहर के माल रोड पर जाम नहीं लगता है तो वाहन चालक सहित अन्य लोगों के लिए बड़े ही हैरत की बात होती है।
इस सभी के बीच शनिवार और रविवार की दो दिनों की छुट्टियों के बाद सोमवार को सोलन में सुबह से लेकर दोपहर तक जाम की स्थिति बनी रही। विशेषकर सपरून बाइपास से ओल्ड डीसी आफिस तक, पुराने बस स्टैंड से ओल्ड डीसी आफिस तक और ओल्ड डीसी आफिस से राजगढ़ रोड पर अधिकांश समय जाम की स्थिति बनी रही। शहर की कई सडक़ों पर सुबह से ही जाम लगना आरंभ हो गया। ऐसे में लोगों का काफी समय बर्बाद हुआ और उन्हें परेशानी झेलनी पड़ी। जाम इतना लंबा था दोनों ओर गाडिय़ों की लंबी कतारें लग गईं। आलम यह रहा कि जाम के चलते लोगों ने ऑटो की बजाए पैदल ही अपने गंतव्यों तक जाना ही मुनासिब समझा। जाम में फसे वाहन भी रेंग-रेंग कर आगे बढ़ते रहे। यही हाल शहर का दिल कहे जाने वाले माल रोड पर देखने को मिला। सुबह से ही माल रोड पर भी लगातार जाम की स्थिति बनती रही और रुक-रुक कर वाहन चलते रहे। इस जाम के चलते लोग अपने गंतव्यों तक भी समय पर नहीं पहुंच पाए। हालांकि जाम से निपटने के लिए पुलिस के जवान तैनात रहे, लेकिन वाहनों की ज्यादा संख्या होने के चलते उन्हें यातायात सुचारू बनने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। स्थानीय लोगों मोहन सिंह, उर्मिला देवी, नीरज, गोविंद कुमार, मीना कुमारी, ज्योति आदि ने कहा कि माल रोड सहित अन्य स्थानों पर बेतरतीब पार्क किए गए वाहनों की वजह से भी यह जाम लगता है। उन्होंने कहा कि सोमवार ही नहीं बल्कि अन्य कार्य दिवसों पर ही तकरीबन इसी तरह के हालात रहते हैं।
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