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दिल्ली के बाद अब Shimla में होगी एसजेवीएन प्रोजेक्टों पर चर्चा

Shantanu Roy
24 July 2024 9:17 AM GMT
दिल्ली के बाद अब Shimla में होगी एसजेवीएन प्रोजेक्टों पर चर्चा
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Shimla. शिमला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की बातचीत के बाद अब अधिकारियों के स्तर पर सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड के साथ बातचीत होगी। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना इसी सप्ताह एसजेवीएन के एमडी के साथ सभी मुद्दों पर बात करेंगे। हिमाचल सरकार ने एसजेवीएन द्वारा बनाई जा रही तीन परियोजनाओं में रॉयल्टी को कम करने का फार्मूला दिया है मगर सूत्रों की मानें तो एसजेवीएन अभी तक इसपर तैयार नहीं है, जबकि दूसरी तरफ पहले सरकार अड़ी हुई थी और अब सरकार ने बीच का रास्ता निकालने की कोशिश की है। केंद्र सरकार की ओर से इस मामले में एसजेवीएन को क्या निर्देश हुए हैं उनको लेकर अब आगे बातचीत बढ़ेगी। उम्मीद की जा रही है कि मामला सुलझ जाएगा अन्यथा विवाद बढ़ सकता है। प्रदेश में सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड के तीन प्रोजेक्ट लूहरी चरण एक, सुन्नी डैम व धौलासिद्ध परियोजनाओं पर
काम चल रहा है।

इन प्रोजेक्टों के लिए पूर्व सरकार ने एसजेवीएन के साथ इम्पलिमेंटेशन एग्रीमेंट नहीं किया था लिहाजा सरकार इस मामले में अड़ी हुई है। इससे सरकार का दावा पुख्ता हो रहा है परंतु पूर्व सरकार के समय में जो शर्तें थीं उनको देखें तो एसजेवीएन को इन परियोजनाओं पर केवल 12 फीसदी ही रॉयल्टी देनी है। इसके विपरीत वर्तमान कांग्रेस सरकार तीनों परियोजनाओं में 12 फीसदी, 18 फीसदी व 30 फीसदी रॉयल्टी मांग रही है। इससे पहले सरकार 20, 30 व 40 फीसदी रॉयल्टी की डिमांड कर रही थी। इस पर बात नहीं बन पा रही है। सरकार का पक्ष यही है कि उसे ज्यादा रॉयल्टी दी जाए, परंतु केंद्र सरकार भी इसमें ज्यादा सकारात्मक नहीं लग रही है। हालांकि सीएम के पिछले दिल्ली दौरे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भी उन्होंने इस मामले को उठाया क्योंकि खुद पीएम ने इन तीनों परियोजनाओं की आधारशिला रखी थी। अब अधिकारियों के स्तर पर बातचीत होगी। इसी सप्ताह यह महत्त्वपूर्ण बैठक होने की उम्मीद है। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना भी अब लौट आए हैं, परंतु एसजेवीएन के सीएमडी सुशील शर्मा अभी प्रदेश से बाहर हैं। उनके शिमला आने के बाद यहां बैठक होगी और सरकार उनका पक्ष जानेगी। उनका पक्ष जानने के बाद मामला मुख्यमंत्री के ध्यान में लाया जाएगा। इसके बाद तय होगा कि आगे आखिर क्या होना है।
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