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राज्य स्तरीय Poet Conference में 50 साहित्यकारों ने अपनी रचनाओं का किया बखान

Shantanu Roy
10 Sep 2024 10:50 AM GMT
राज्य स्तरीय Poet Conference में 50 साहित्यकारों ने अपनी रचनाओं का किया बखान
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Shimla. शिमला। गेयटी थियेटर में सोमवार को राज्य स्तरीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें प्रदेश के लगभग 50 साहित्यकारों ने भाग लिया। हिमाचल प्रदेश में हिंदी भाषा के उन्नयन के लिए भाषा एवं संस्कृति विभाग विगत हर साल की तरह इस साल भी हिंदी पखवाड़ा मना रहा है। इसी श्रृंखला में यह राज्य स्तरीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। राज्य स्तरीय कवि सम्मेलन की अध्यक्षता प्रदेश के प्रसिद्ध साहित्यकार डा. ओपी सारस्वत ने की। कार्यक्रम का मंच संचालन विभाग की उपनिदेशक कुसुम संघाईक ने किया। इस समारोह में आमंत्रित कवियों ने मातृभाषा हिंदी व अन्य समसामयिक विषयों पर अपनी कविताएं प्रस्तुत की। इस अवसर पर ओम प्रकाश शर्मा साहित्यकार द्वारा प्रकाशित पुस्तकों ‘अतीत की यादें’ व ‘जब कभी कभार’ दो पुस्तकों का
विमोचन भी किया गया।

शिमला से प्रवीण मुंगटा ने ‘मां’ शीर्षक पर, हितेंद्र शर्मा ने ‘हिंदी संवर जाएगी’, त्रिलोक सूर्यवंशी ने ‘चंद्रधर शर्मा गुलेरी उसने कहा’, पर आधारित कविता, सत्या शर्मा वसुंधरा ने ‘आवाज़ ए दिल’, ओम प्रकाश शर्मा ने ‘हिंदी का प्रयोग’, किन्नौर से भारती कौर ने ‘हिमाचल की शान’, सिरमौर से मुकेश कुमार ने ‘यह धर्म के खिलाफ ठीक भी नहीं हो सकता है’, दीप राज ने ‘हिंदी से मेरा प्रेम’, सुरेंद्र कुमार सूर्या ने ‘विडंबना’, बिलासपुर की शीला सिंह ने ‘जग में हिंदी श्रेष्ठ है’ हमीरपुर से सुरेंद्र कुमार ने ‘हमारी हिंदी भाषा’ कुल्लू से ओजस्वनी सचदेवा ने ‘भाषा-भाषा सब जाने’, अनुरंजनी गौतम ने ‘मेरा प्रेम प्रस्ताव हिंदी में’, चंबा से मोनिका ने ‘हिंदी यूं कभी-कभी’, ऊना से सुलेखा देवी ने ‘भक्ति मति मीरा बाई’, सोलन से डा. शंकर वासिष्ठ ने ‘हिंदी’, सीडी डोगरा ने ‘चारसू कैसी ये हाहाकार है’, मंडी से रोमिता शर्मा ने ‘उड़ान अपने सच की’ व कांगड़ा से सुमन बाला ने ‘बख्शीश’ पर कविता पाठ किया। कार्यक्रम के अध्यक्ष व प्रदेश के प्रसिद्ध साहित्यकार डा. सारस्वत ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कार्यक्रम में उपस्थित समस्त कवियों द्वारा प्रस्तुत रचनाओं की सराहना की तथा उपस्थित साहित्यकारों को भविष्य में भी इसी प्रकार सृजनात्मकता के लिए प्रोत्साहित किया। विभाग के संयुक्त निदेशक मंजीत शर्मा ने प्रदेशभर से आए विद्वानों का आभार व्यक्त किया।
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