उत्तर प्रदेश

किसानों ने पेयजल की परियोजानाएं लंबित मिलने पर नाराज़गी जताई

Admin Delhi 1
19 Dec 2022 11:59 AM GMT
किसानों ने पेयजल की परियोजानाएं लंबित मिलने पर नाराज़गी जताई
x

प्रतापगढ़ न्यूज़: आमदनी की रेस में आंवला के बाग पिछड़ने लगे तो जिले के किसानों ने इनसे तौबा करना शुरू कर दिया. धीरे-धीरे किसान बाग के बाग उजाड़ने लगे. करीब दो दशक के भीतर आंवले के बाग तकरीबन साठ फीसदी कम हो गए. रेट में सुधार होने के बाद अब पुराने बाग का रखरखाव किया जा रहा है तो नए बाग भी लगवाए जा रहे हैं.

षधीय गुणों से भरपूर होने की वजह से आंवले को अमृतफल भी कहा जाता है. मुरब्बा, बर्फी, लड्डू, कैंडी, जूस, चूरन जैसे उत्पाद आंवले से बनाए जाते हैं. इसके अलावा जानलेवा संक्रमण के दौर में इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में आंवले का जमकर प्रयोग हुआ. इतनी खूबियों के बावजूद एक दौर में आंवला के खरीदार नहीं रहे. बाग फलों से लदे थे लेकिन खरीदार नहीं थे. कई वर्ष तक तो ऐसा हुआ कि पेड़ से गिरकर फल बाग में ही सड़ गए लेकिन बाजार में इसकी मांग नहीं रही. ऐसे दौर में गुजर रहे किसानों ने बड़ी संख्या में आंवले के बाग काटने शुरू कर दिए. बीते दो दशक में आंवले के बाग करीब दस हजार हेक्टेयर से भी अधिक काट दिए गए. आंवला किसानों में नरहरपुर के शैलेंद्र कुमार, जय प्रकाश सिंह बताते हैं कि बाजार में मांग न होने की वजह से बाग को काटना पड़ा. ईंट भट्टा कारोबारी आंवले के पेड़ की लकड़ी से कोयला तैयार करने के लिए इसकी खरीदारी करते थे. आंवले के बाग कटवाने के बाद अधिकतर किसानों ने आम के बाग तैयार किए तो कुछ परंपरागत खेती करने लगे. कांधरपुर के माता प्रसाद मिश्र और कटारी के संतोष कुमार कहते हैं कि कोरोना काल में आंवले की मांग बढ़ी. इसके पहले से रेट में भी सुधार हुआ था. ऐसे में आंवले के नए बाग लगाने के लिए किसान आगे आने लगे. उद्यान विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो बीते चार से पांच साल में तकरीबन पांच हजार हेक्टेयर में आंवले के नए बाग लगाए गए हैं. हालांकि नए बागों में फल आने में अभी वक्त लगेगा.

प्रतापगढ़. डीएम डॉ. नितिन बंसल ने कैम्प कार्यालय पर जलजीवन मिशन के तहत ग्रामीण पाइप पेयजल योजनाओं की समीक्षा की और अफसरों को जरूरी निर्देश दिए. जलजीवन मिशन की लंबित परियोजनाओं पर नाराजगी जताते हुए अधिशाषी अभियंता जलनिगम लोकेश शर्मा व कार्यदायी संस्था के जिम्मेदारों को जमकर डांट लगाई. डीएम ने चेतावनी देते हुए प्रोजेक्ट मैनेजर से कहा कि पेयजल परियोजनाओं के निर्माण में गुणवत्ता का विशेष खयाल रखा जाए. लंबित पेयजल परियोजनाओं पर डांटते हुए कहा कि अतिरिक्त मजदूर लगाकर कार्य में तेजी लाएं. निर्देश दिया कि सरकारी भवनों जैसे प्राथमिक विद्यालय आंगनबाड़ी केंद्र, पंचायत भवन और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर आदि को भी पेयजल परियोजना की पाइप से जोड़ा जाए. बैठक में सीडीओ ईशा प्रिया, एक्सईएन जलनिगम लोकेश शर्मा, बीएसए भूपेन्द्र सिंह, डीपीआरओ रविशंकर द्विवेदी सहित कार्यदायी संस्थाओं के प्रोजेक्ट मैनेजर आदि मौजूद रहे.

Next Story