जम्मू और कश्मीर

जम्मू-कश्मीर सरकार का फैसला, जमात से जुड़े 300 स्कूलों को बंद करने का आदेश, 15 दिन में हो जाएंगे सील

Renuka Sahu
15 Jun 2022 1:11 AM GMT
J&K governments decision, order to close 300 schools associated with Jamaat, will be sealed in 15 days
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फाइल फोटो 

प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी से संबद्ध फलाह-ए-आम (एफएटी) की ओर से जम्मू-कश्मीर में संचालित सभी स्कूलों को बंद करने का सरकार ने आदेश जारी किया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी से संबद्ध फलाह-ए-आम (एफएटी) की ओर से जम्मू-कश्मीर में संचालित सभी स्कूलों को बंद करने का सरकार ने आदेश जारी किया है। इन सभी स्कूलों को 15 दिन में सील कर दिया जाएगा। इनमें अध्ययनरत विद्यार्थियों को पास के स्कूलों में समायोजित किया जाएगा। नए सत्र में इन स्कूलों में दाखिला नहीं होगा।

राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) की जांच के बाद स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव बीके सिंह की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि जिला प्रशासन के परामर्श से इन स्कूलों को सील किया जाए। उन्होंने सभी मुख्य शिक्षा अधिकारी, प्रधानाचार्य तथा जोनल अफसरों से इन विद्यार्थियों की दाखिला प्रक्रिया में हर संभव मदद करने को कहा है। इन स्कूलों के बारे में व्यापक पैमाने पर जागरूकता फैलाने को कहा गया है।
ज्ञात हो कि एसआईए की जांच में एफ एटी द्वारा अवैध कार्य किए जाने, धोखाधड़ी, बड़े पैमाने पर सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करने के आरोप लगाए गए थे। एफ एटी कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी से संबद्ध है, जिसे गृह मंत्रालय ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्रतिबंधित किया है।
अधिकारियों ने बताया कि ज्यादातर एफ एटी स्कूलों, मदरसों, अनाथालयों, मस्जिदों और अन्य परोपकारी कार्यों से अपना काम चलाता है। इस तरह के संस्थानों ने 2008, 2010 और 2016 में बड़े पैमाने पर अशांति फैलाने में विनाशकारी भूमिका निभाई, जिससे आम लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ीं।
अधिकारियों ने बताया कि हैरानीजनक है कि एफ एटी के 300 से अधिक स्कूल अवैध रूप से अधिगृहित सरकारी और सामुदायिक भूमि पर पाए गए हैं, जहां जमीन पर जबरदस्ती व बंदूक के बल पर कब्जा किया गया था। साथ ही राजस्व अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर धोखाधड़ी व जालसाजी करके राजस्व दस्तावेजों में गलत संस्थाएं बनाईं गईं।
एजेंसी बढ़ा रही जांच का दायरा
एसआईए ने पहले ही इस तरह के मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली है। एजेंसी जांच के दायरे का विस्तार कर रही है, ताकि उन सभी धोखाधड़ी, अनधिकृत संस्थाओं और जालसाजी का पता लगाया जा सके जो पिछले 30 वर्षों में आतंकवादियों के इशारे पर की गई हैं।
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