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राजकीय कन्या विद्यालय के भवन में चल रहा प्रसूति केंद्र होम्योपैथिक डॉक्टर लिख रहे एलोपैथिक दवाएं

Admin Delhi 1
5 April 2023 11:46 AM GMT
राजकीय कन्या विद्यालय के भवन में चल रहा प्रसूति केंद्र होम्योपैथिक डॉक्टर लिख रहे एलोपैथिक दवाएं
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हिसार न्यूज़: गांव मंडकौला स्थित पीएचसी केंद्र पर जगह के अभाव में प्रसूति केंद्र को राजकीय कन्या विद्यालय के भवन में चलाया जा रहा है. यह हथीन विधानसभा से भाजपा के विधायक का गांव है. जहां स्वास्थ्य सेवाएं दम तोड़ती नजर आ रही हैं . इतना ही नही मिंडकौला पीएचसी केंद्र पर पिछले काफी दिनों से कोई चिकित्सक नहीं है . ऐसे में सप्ताह में तीन दिन के लिए तैनात दांतों के चिकित्सक के सहारे स्वास्थ्य विभाग काम चला रहा है. यहां पर कोई स्थायी चिकित्सक नहीं है.

गौरतलब है कि इलाके के लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए सरकार ने मिंडकौला में एक पीएचसी केंद्र बनाया हुआ है. गत दिसंबर माह में यहां पर तैनात चिकित्सक डा मनमोहन कोर्स करने के लिए गए हुए थे तभी से यहाँ कोई डॉक्टर नहीं लगाया . यहां पर दो चिकित्सकों के पद विभाग ने स्वीकृत किए हुए हैं. पीएचसी केंद्र के अधीन मंडकोला, मंढनाका, श्यारौली, खेड़ली जीता, कानौली, नौरंगाबाद, पोंडरी, मंढोरी, रीबड, जैनपुर, आलूका, खोकियाका, जनाचौली, घर्रोट, पूठली व कई अन्य गांवों के लोगों के स्वास्थ्य का जिम्मा है. विभाग के आंकड़ों अनुसार यहां पर रोजाना अलग-अलग गांवों से दर्जनों की संख्या में मरीज इलाज के लिए आते हैं लेकिन वो डॉक्टर की गैर मौजूदगी में वापस अपने घरों को चले जाते हैं. स्वास्थ्य विभाग की ओर से यहां पर दंत चिकित्सक डॉक्टर नटवर को स्थायी तौर पर लगाया हुआ है.

डिलीवरी करवाने के लिए डॉक्टर नहीं

स्वास्थ्य केंद्र में जगह नहीं होने के कारण कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के दो कमरों में डिलीवरी केंद्र बनाया हुआ है. यहां पर औसतन दो या तीन डिलीवरी होती हैं. डिलीवरी नर्स करती हैं. अगर प्रसव के दौरान कोई आपातकालीन स्थिति हो जाए तो प्रसव कराने के लिए आई महिला की जिंदगी राम भरोसे रहती है. डिलीवरी केंद्र पर बिजली की अतिरिक्त सुविधा तक नहीं. प्रसव के बाद लगे बैडों पर कोई चादर तक नहीं होती.

ग्रामीण एरिया में चलाए जाने वाले स्वास्थ्य अभियान के लिए विभाग की तरफ से होम्योपैथिक व आयुर्वेदिक चिकित्सक को अन्य योजनाओं के लिए लगाया हुआ है लेकिन चिकित्सकों की कमी के कारण उपरोक्त चिकित्सक भी कई बार मरीजों को दवाएं लिखने का काम कर देते हैं. यहां पर आयुर्वेदिक व होम्योपेथी की दवाएं नहीं हैं, ऐसे में ये चिकित्सक एलोपेथी की दवाएं लिख देते हैं.

केंद्र पर चिकित्सकों की कमी है. इस बारे में उच्च अधिकारियों की अवगत कराया गया है. भवन निर्माण कार्य अधूरा होने के कारण दिक्कतें आ रही है. केंद्र पर जाकर निरीक्षण किया जाएगा. जो कमी है उसे जल्द पूरा कराया जाएगा.

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