फरीदाबाद जिले में मलेरिया पर नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग का प्रयास रंग लाया
फरीदाबाद: जिले में मलेरिया पर नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग के प्रयास रंग ला रहे हैं। विभाग के प्रयास और लोगों को जागरूक करने के कारण जिले में मलेरिया का ग्राफ साल दर साल कम हो रहा है। पिछले तीन सालों में मलेरिया के मरीजों की संख्या 10 का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाई है. स्वास्थ्य विभाग इसे अपनी उपलब्धि मान रहा है. निकट भविष्य में जिले में कोई भी मलेरिया का मरीज न दिखे, इसके लिए विभाग की ओर से प्रयास किये जा रहे हैं. पिछले वर्ष भी जिले में मलेरिया की रोकथाम के लिए विभाग द्वारा किये गये प्रयासों के कारण पूरे वर्ष में मात्र चार मलेरिया के मरीज पाये गये थे. जबकि इस बार भी अब तक केवल दो ही मरीज मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ मलेरिया के लक्षण और इससे बचाव के तरीके भी बता रहा है।
108 टीमें बनाई गईं: जिले में मलेरिया को फैलने से रोकना स्वास्थ्य विभाग के लिए काफी मुश्किल है, लेकिन विभाग पूरी कोशिश कर रहा है। जिले में लोगों को जागरूक करने के लिए 108 एमपीएचडब्ल्यू (बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता) की टीमें गठित की गई हैं। ये टीमें जिले के गांव-गांव जाकर लोगों को मलेरिया के प्रति जागरूक कर रही हैं। साथ ही जहां भी बुखार के मरीज मिलते हैं, उनकी स्लाइड बनाकर इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में लाया जाता है। लोगों के खून के नमूने भी लिये जा रहे हैं. इन टीमों के अलावा जिला स्तर पर 24 रैपिड टीमें गठित की गई हैं। जिला स्तर पर एक विशेष टीम का गठन किया गया है.
288 गांवों के तालाबों में गंबूजिया मछली छोड़ी गई: जिले में मलेरिया फैलने से रोकने के लिए मलेरिया विभाग द्वारा हरसंभव इंतजाम किये जा रहे हैं। मलेरिया रोकथाम विभाग की ओर से जिले के 288 गांवों के तालाबों में गंबूजिया मछली छोड़ी गई है। ताकि डेंगू और मलेरिया के लार्वा को पनपने से पहले ही खत्म किया जा सके। मलेरिया विभाग प्रमुख मंजीत ने बताया कि मलेरिया की रोकथाम के लिए विभाग की ओर से हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं. इसके अलावा 22 गांवों और होडल में दो स्थानों पर फॉगिंग कराई गई है। जबकि हथीन और पलवल में मच्छरों को मारने के लिए फॉगिंग कराने के लिए नगर परिषद को पत्र लिखा गया है।
पिछले साल 6,322 लोगों को नोटिस दिया गया था: स्वास्थ्य विभाग की ओर से हर साल मलेरिया की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाता है। उस अभियान के तहत उन इलाकों को नोटिस दिया जाता है जहां मलेरिया के मामलों की पुष्टि होती है या पानी जमा होता है. मलेरिया विभाग के प्रमुख मंजीत कहते हैं, पिछले साल ऐसे करीब 6,322 लोगों को नोटिस दिया गया था। इस बार सिर्फ 16 लोगों को नोटिस दिया गया है. विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पिछले साल की तुलना में इस बार जिले में लापरवाही कम है और लोग पहले से ज्यादा जागरूक हैं.