चंडीगढ़ न्यूज़: सेक्टर-99ए स्थित हैबिटेट सोसाइटी के 700 परिवार पास में फैले सीवर के दूषित पानी से परेशान हैं. लोगों का आरोप है कि बिल्डर सोसाइटियों से सीवर का पानी निकालकर टैंकर से खुले में डाल जाते हैं.
दूषित पानी से दुर्गंध आने और मच्छरों के पनपने से लोगों को बीमारी फैलने का डर सता रहा है. तीन साल से समस्याओं से परेशानी निवासियों ने जीएमडीए से लेकर गुरुग्राम और मानेसर नगर निगम से कई बार शिकायत की, लेकिन कोई स्थाई समाधान नहीं हो रहा है.
एसटीपी काम नहीं करने पर बाहर फैलाते हैं दूषित पानी सोसाइटी का दूषित पानी को शोधित करने के लिए लगा सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) काम नहीं कर रहा है. बिल्डर दूषित पानी को निकाल सोसाइटी के पास खाली पड़े प्लॉट में डाला जा रहा है. इसके अलावा कुछ सोसाइटियों के भी टैंकर से सीवरेज पानी यहां पर रात को फेंका जाता है. यहां से सीवरेज को लेकर आसपास ही गड्ढे आदि में डाल देते हैं. इसके चलते बहुत सारा सीवर आसपास इकट्ठा हो गया है. जो अब परेशानी बन गया है. इसमें मच्छरों के पनपने से सोसाइटी के लोगों को बीमारी फैलने का डर पैदा कर दिया है.
बिजली कटौती आ चुके तंग सोसाइटी में रोजाना 3-4 घंटे से ज्यादा बिजली कटौती हो रहा है. जिससे 700 परिवारों को रात में रहना मुश्किल कर देता है. बिजली निगम से शिकायत करने के बाद कोई समाधान नहीं होता है. रात में बिजली जाने के बाद सड़क पर अराजक तत्वों से डर बना रहा है. यहां पर लोगों और महिलाओं की सुरक्षा की समस्या बन गई है. मच्छरों के काटने से लोगों को बीमारी फैलने का डर सता रहा है. तीन साल से समस्याओं से परेशानी निवासियों ने जीएमडीए से लेकर गुरुग्राम और मानेसर नगर निगम से कई बार शिकायत की, लेकिन कोई स्थाई समाधान नहीं हो रहा है. रात में बिजली कटौती से लोगों में चोरी का भय सता रहा है. लोगों ने कई बार मांग की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही. इस रोड पर पुलिस पेट्रोलिंग बहुत कम है. पुलिस कर्मियों की गश्त बढ़ाने की मांग की गई.
रोड पर नहीं जलतीं स्ट्रीट लाइट
सोसाइटी के सामने 75 मीटर सड़क पर कोई स्पीड ब्रेकर नहीं है. जिससे वाहनों के तरह रफ्तार से दुघर्टनाएं हो रही है. रात में सड़क पर स्ट्रीट लाइट नहीं जलती है. जिससे अंधेरे में आने जाने में लोगों को डर बना रहता है. इस रोड पर पुलिस पेट्रोलिंग बहुत कम है. पुलिस कर्मियों की गश्त बढ़ाने की मांग की गई.
सोसाइटियों के आसपास खुले में सीवरेज पानी डाला जा रहा है तो प्रदूषित नित्रयंण विभाग और नगर निगम को कार्रवाई करनी चाहिए. बिना कार्रवाई के खुले में दूषित पानी डालने से नहीं रोका जा सकता है.
- प्रवीण कुमार, कार्यकारी अभियंता जीएमडीए