भारत

2 IPS अफसर पर गंभीर आरोप, गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट

Nilmani Pal
24 July 2024 1:34 AM GMT
2 IPS अफसर पर गंभीर आरोप, गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट
x
पढ़े पूरी खबर

हरियाणा haryana news । हरियाणा सरकार की तरफ से वीरता पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किए गए चार पुलिस अधिकारी Union Home Ministry केंद्रीय गृह मंत्रालय की जांच के दायरे में आते नजर आ रहे हैं। खबर है कि मंत्रालय ने हरियाणा सरकार ससे 2 IPS और हरियाणा पुलिस के 2 अधिकारियों की तरफ से किसानों पर की गई गोलीबारी की जानकारी मांगी है। खास बात है कि पंजाब विधानसभा स्पीकर की तरफ से एक पत्र भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा गया था, जिसमें इस फैसले पर विचार करने की मांग की गई थी।

haryana पंजाब विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवान ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर हरियाणा सरकार के उस हालिया फैसले पर आपत्ति जताई, जिसमें 'दिल्ली चलो' अभियान के तहत किसानों को दिल्ली कूच करने से रोकने में भूमिका के लिए छह पुलिस अधिकारियों को वीरता पदक देने की सिफारिश की गई है।

हरियाणा सरकार ने हाल में केंद्र को भेजी अपनी सिफारिश में वीरता पदक से सम्मानित करने के लिए छह पुलिस अधिकारियों के नाम दिये हैं, जिनमें से तीन आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) और तीन अन्य हरियाणा पुलिस सेवा से हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के बैनर तले किसानों को फरवरी में राष्ट्रीय राजधानी की ओर बढ़ने से रोक दिया गया था। मंगलवार को प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में विधानसभा अध्यक्ष संधवान ने लिखा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि किसानों को बदनाम किया जा रहा है और उनके साथ बेहद अनुचित व्यवहार किया जा रहा है, जबकि वे लंबे समय से लंबित अपनी मांगों के लिए पंजाब में शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे हैं। किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए उन्होंने हरियाणा के पुलिस महानिदेशक द्वारा उन छह पुलिस अधिकारियों को वीरता पदक देने की सिफारिश की कड़ी निंदा की, जिन्होंने 'शंभू बॉर्डर पर किसानों के मार्च को रोकने में भूमिका निभाई थी।' SKM (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा की तरफ से दिल्ली चलो के ऐलान के बाद हरियाणा सरकार ने फरवरी में शंभू और खनौरी सीमा पर बैरिकेड्स लगा दिए थे।

केंद्र को राज्य सरकार की तरफ से 2 जुलाई को पुरस्कार की सिफारिश भेजी गई थी। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 8 जुलाई को गृहमंत्रालय ने हरियाणा के गृह विभाग को दो पत्र भेजे थे, जिसमें इस बात पर खास जोर दिया गया था कि सभी मांगी गईं जानकारियां ऑनलाइन आवेदन में साझा नहीं की गई हैं। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से लिखा है कि गृहमंत्रालय ने कहा है कि जिन अधिकारियों की सिफारिश की गई है, उनकी गोलीबारी की जानकारी और आंदोलनकारियों के खिलाफ आपराधिक मामलों की जानकारी अपलोड नहीं की गई है। केंद्र सरकार ने तत्काल ये जानकारियां मांगी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, पत्र में गृहमंत्रालय ने यह भी कहा है कि राज्य की सीमाओं पर हरियाणा पुलिस के साथ-साथ CAPF के जवान भी तैनात किए गए थे, लेकिन इन बलों के अधिकारियों को लेकर ऐसी कोई सिफारिश नहीं की गई है।


Next Story