छत्तीसगढ़

BIG BREAKING: शराब के नकली होलोग्राम मामलें में एकाउंटेंट सुनील दत्त गिरफ्तार

Shantanu Roy
26 Oct 2024 2:14 PM GMT
BIG BREAKING: शराब के नकली होलोग्राम मामलें में एकाउंटेंट सुनील दत्त गिरफ्तार
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छग
Raipur. रायपुर। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो द्वारा जांच की जा रही आबकारी घोटाला-अपराध क्रमांक 04 / 2024, धारा - 7, 42, भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 420, 467, 468, 47।, 420बी. भादवि0 में डुप्लीकेट होलोग्राम से संबंधित महत्वपूर्ण गिरफ्तारी हुई है। प्रकरण में डुप्लीकेट होलोग्राम सप्लाई करने वाली कंपनी प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्रातलिमि0 का एकाउंटेंट सुनील दत्त को गिरफ्तार किया गया है। उसके द्वारा वर्ष 2049 से 2022 के बीच प्रिज्म कंपनी के नोएडा स्थित मुख्यालय में डुप्लीकेट होलोग्राम का लेखा-जोखा रखा जाता था।

असली होलोग्राम के साथ तरीके से डुप्लीकेट होलोग्राम का परिवहन नोएडा से रायपुर करवाया जाता था| पूर्व में जप्त परिवहन में उपयोग में आने वाले इन्वाईस जिसमें डुप्लीकेट होलोग्राम की संख्या एवं अन्य विवरण होते थे, उस पर सुनील दत्त के हस्ताक्षर भी होते थे। पूछताछ के दौरान इस बात की पुष्टि हुई है कि सिण्डीकेट के मुख्य आरोपीगण- अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरूणपति त्रिपाठी के संलिप्तता में प्रिज्म होलोग्राफी के मालिक विधु गुप्ता द्वारा फर्जी होलोग्राम छत्तीसगढ़ स्थित डिस्टलरियों को उपलब्ध कराये गये थे | प्रकरण में अग़िम वैधानिक कार्यवाही जारी है।

अलग-अलग जेल में शिफ्ट हो रहे सभी आरोपी
छत्तीसगढ़ के चर्चित आबकारी, कोयला और कस्टम मिलिंग घोटाले में जेल में बंद आरोपियों को प्रदेश की अलग-अलग जेलों में शिफ्ट किया जाएगा। ईडी की विशेष कोर्ट ने आरोपियों को अलग-अलग बैरक ही नहीं अलग-अलग जेलों में रखने के आदेश दिए हैं। आबकारी घोटाले के आरोपी अनवर ढेबर को अंबिकापुर जेल, अनिल टुटेजा को कांकेर जेल और ए पी त्रिपाठी को जगदलपुर जेल में शिफ्ट किया जाएगा। कस्टम मिलिंग के आरोपी और मार्कफेड के पूर्व एमडी मनोज सोनी को दंतेवाड़ा जेल और कोयला घोटाले के एक अन्य आरोपी सूर्यकांत तिवारी को जगदलपुर जेल में ट्रांसफर करने का आदेश दिया गया है। कोर्ट को शिकायत मिली थी कि इन आरोपियों को जेल में वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा है। इसके अलावा वे एक साथ रहकर सिंडिकेट चला रहे हैं। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट निर्णय लिया। इसके पहले भी राज्य के कई प्रमुख और बड़े अपराध के आरोपियों को अलग-अलग जेलों में शिफ्ट किया जाता रहा है।
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