बिहार

‘दो बच्चों के बीच अंतर से मां व बच्चे रहते हैं स्वस्थ’

Admin Delhi 1
16 Aug 2023 4:43 AM GMT
‘दो बच्चों के बीच अंतर से मां व बच्चे रहते हैं स्वस्थ’
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अस्थाई परिवार नियोजन को कई साधन उपलब्ध

रोहतास: मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के साथ परिवार नियोजन के संसाधनों को बेहतर तरीके से इस्तेमाल करने व दो बच्चों के जन्म के बीच अंतर रखने को लेकर सदर अस्पताल स्थित ओपीडी के सभागार में एकदिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया.

कार्यशाला में सासाराम प्रखंड की एएनएम, परिवार नियोजन सलाहकार व ममता को जानकारी दी गई. शुभारंभ एसीएमओ डॉ. अशोक कुमार ने किया.

एसीएमओ ने कहा कि बहुत सारी ऐसी महिलाएं हैं, जो जल्दी परिवार नियोजन के स्थाई संसाधनों को नहीं अपनाना चाहती. ऐसे में उन महिलाओं को अस्थाई संसाधनों की तरफ ले जाने की अहम भूमिका परिवार नियोजन सलाहकार व ममता की होती है. जरूरी है कि पहले बच्चे के बाद दूसरे के जन्म के बीच अंतर रखना. यदि दो बच्चों के जन्म के बीच में तीन साल का अंतर होता है तो उस दौरान मां भी स्वस्थ रहती है और पहले बच्चे की देखभाल भी बेहतर तरीके से होती है. साथ ही दूसरा बच्चा भी स्वस्थ जन्म लेता है. इन दो से तीन सालों के बीच मां खुद के साथ नवजात शिशु की भी देखभाल अच्छे से होती है. कार्यशाला में पीएसआई इंडिया के विवेक मालवीय ने कहा कि मातृ व शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए दो बच्चों के जन्म में अंतर होना जरूरी है. क्योंकि पहले बच्चे के जन्म के बाद धात्री महिला काफी कमजोर हो जाती है. ऐसे में अस्थाई परिवार नियोजन के संसाधनों को इस्तेमाल करके इस अंतर को बरकरार रखा जा सकता है.

अस्थाई परिवार नियोजन को कई साधन उपलब्ध

ट्रेनर शैलेश कुमार तिवारी ने कहा कि अस्थाई परिवार नियोजन के लिए कई साधन उपलब्ध हैं. ऐसे में दायित्व बनता है कि आप उस महिला को किसी एक साधन को अपनाने के लिए प्रेरित करें. किसी को जबरदस्ती संसाधन इस्तेमाल करने की सलाह न दें. बल्कि महिला को सभी साधनों के बारे में जानकारी दें और उन्हें बताएं. कहा कि बार-बार अबॉर्शन करवाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.

कार्यशाला में प्रियेश कुमार तिवारी आदि थे.

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